*गौशाला की कबरेज करने पर मीडिया पर उखड़ी लम्भुआ ग्राम पंचायत सचिव शारदा देवी*

*गौशाला की कबरेज करने पर मीडिया पर उखड़ी लम्भुआ ग्राम पंचायत सचिव शारदा देवी*

अशोक कुमार वर्मा

 

*लम्भुआ सुल्तानपुर*

वैसे तो योगी सरकार गौरक्षक के नाम से उत्तरप्रदेश मे मशहूर है जब से भाजपा की सरकार बनी है तभी से गायों के देख रेख के लिए तमाम तरह की योजनाए चला दी

लेकिन धरातल पर स्थिति देश का चौथा स्तम्भ ही दिखाता है,सुल्तानपुर जिले की सबसे ज्यादा विवादों के घेरे मे रहने वाली गौशाला लम्भुआ ब्लॉक की परसीपुर है,

पत्रकारों की एक टीम गौशाला की हकीकत दिखाने के लिए बिभिन्न गौ आश्रय स्थल की जमीनी हकीकत जानने निकली टीम जब लम्भुआ ब्लॉक अंतर्गत परसीपुर मे बने गौ आश्रय स्थल पहुंची जहाँ

एक गाय पानी मे धसी हुई थी वहाँ के चौकीदार से पूंछने पर पता चला की कल से ही होंगी आसपास के लोगो ने बताया की पिछले चार दिनों से यह गाय यही धसी पड़ी हैं ना पानी ना चारा यहाँ की स्थिति यह है की गायों का चारा भी बेंच लेते है जब चौकीदार से अपना परिचय बताते हुए गौ आश्रय स्थल के अन्दर की हकीकत जानना चाहा तो चौकीदार ने कहा सचिव महोदय ने पत्रकारों को अंदर जाने के लिए मना किया है, इसलिए हम दरवाजा नहीं खोलेंगे ग्राम पंचायत सचिव शारदा देवी ने पत्रकारों को अंदर जाने से मना करते हुए कहा की आपको हम अंदर क्यों जाने दें,जिसकी सूचना उपजिलाधिकारी लम्भुआ दीपक वर्मा को दी गई उन्होंने कहा आप खण्ड विकास अधिकारी लम्भुआ से बात करें, जिलाधिकारी,जिलाविकासधिकारी, डी0डी0ओ0 समेत उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक दी गई लगभग 12 बजे खण्ड विकास अधिकारी लम्भुआ पहुंचे मामले का संज्ञान लिया तब जा कर गाय को बाहर निकला जा सका पत्रकारों के गौ आश्रय प्रभारी सचिव ने अभद्रता पूर्वक व्यवहार करते हुए कहा की तुम लोग अन्दर नहीं जा सकते बाद मे पता लगा की गए खाने बगैर मर रही है एक गाय वहाँ कई दिनों से मरी थी जिसे आनन फानन मे प्रभारी ने वही पास मे गड़वाया, बगल के ही नाम ना छापने की बात पर बताया की इनके करीबी है जो सुबह आ जाता है और वो सूखे चारे से लेकर हरे चारे तक बेंच देता है, ग्राम पंचायत सचिव जहाँ भी रही है हमेशा विवादो के घेरे मे ही रहीं है भाजपा के पहुँच और रसूख वाली होने के कारण अधिकारी भी इनपर कार्यवाही से डरते है अपनी मनमानी से जो चाहे करती है यहाँ तक की ग्राम प्रधान भी इनसे कोई कार्य नहीं कह सकता,योगी सरकार लोकसभा के चुनाव मे करारी हार के बाद सरकुलर जारी करते हुए पत्रकारों के साथ अभद्रता ना करने और उनको सम्मान देने की बात कही लेकिन पार्टी के रसूख रखने वाली ग्राम पंचायत सचिव का कोई कुछ नहीं कर सकता पत्रकारों ने फोन पर और व्हाट्सअप पर शिकायत उप मुख्यमंत्री के साथ उच्चाधिकारियो को दी है देखा जाता है की सरकार के उच्चाधिकारी कोई कार्यवाही इनपर करते है या फिर सरकार का आदेश और गौरक्षा वही ढाख के तीन पात ही होते है।

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