असामयिक वर्षा से किसानों में छाई मायूसी, धान-आलू-चना-मटर की फसलों को भारी नुकसान
सिंगरामऊ। क्षेत्र में हुई असामयिक वर्षा ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बुधवार शाम से शुरू हुई बादलों की आवाजाही और छिटपुट बूंदाबांदी गुरुवार सुबह से तेज होती चली गई। लगातार हो रही बारिश और बढ़ती हवाओं के कारण किसानों की धान, आलू, चना और मटर की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
 
क्षेत्र के लगभग 80 प्रतिशत किसानों की धान की कटाई हो चुकी थी और फसल खेतों में फैली हुई थी। बारिश के चलते ये धान भीगकर खराब हो रहे हैं। वहीं जिन खेतों में धान की फसल अभी खड़ी थी, वे भी हवा और बारिश की वजह से धराशाई हो गई हैं।

किसानों ने बताया कि कई जगहों पर आलू की बुवाई हो चुकी थी, जबकि कुछ किसान अब भी बुवाई में जुटे थे। पहले से बोए गए खेतों में मेड़ियां बैठने लगी हैं, जिससे फसल की जड़ों को नुकसान पहुंच रहा है। चना और मटर जैसी फसलों के लिए यह बारिश और भी हानिकारक साबित हो रही है, खासकर उन किसानों के लिए जिन्होंने देर से बुवाई की थी।
किसान संतोष शुक्ला, वीरेंद्र मौर्य और पृथ्वीपाल मौर्य ने बताया कि “यह असामयिक वर्षा धान, आलू, चना और मटर जैसी फसलों के लिए नुकसानदेह है। हालांकि गेहूं की बुवाई के लिए यह बारिश फायदेमंद मानी जा सकती है, लेकिन कुल मिलाकर किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।”
अचानक बदले मौसम ने क्षेत्र के अन्नदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है। किसान अब आसमान की ओर टकटकी लगाए बारिश थमने की उम्मीद कर रहे हैं।

 
									 
		 
		 
		