*शराब व्यापारियों पर भारी पड़ रहा सावन का महीना*

*शराब व्यापारियों पर भारी पड़ रहा सावन का महीना*
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*माता चरण पांडे*
*संवाददाता तीखी आवाज मछली शहर*

*बरईपार*

सावन का महीना इस बार शराब व्यापारियों पर भारी पड़ रहा है। अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री प्रभावित हो गई है। एक तरफ शराब की बिक्री ठप होने से व्यवसाई परेशान हैं तो दूसरी तरफ आबकारी विभाग के अधिकारी व्यापारी पर निर्धारित कोटा उठाने का दबाव बना रहे हैं।
व्यापारियों के अनुसार अक्टूबर से पहले अंग्रेजी शराब और बीयर का कारोबार पटरी पर आने की उम्मीद नहीं है। सहालग, त्योहार और पार्टियों का दौर शुरू होने के बाद ही बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। शराब कारोबारियों के अनुसार सावन और पितृपक्ष में अंग्रेजी शराब की बिक्री कम हो जाती है। इस सीजन में लोग शराब से दूरी बना लेते हैं। खास कर युवा वर्ग शराब से दूरी बना लेते हैं। इसका सबसे अधिक असर बीयर अंग्रेजी शराब की छोटी बोतलों पर पड़ता है। इनकी बिक्री बहुत कम हो जाती है। जिन दुकानों पर शाम ढलते ही शराब की शौकीनों की भीड़ दिखने लगती थी, वहीं अब सन्नाटा पसरा रहता है।
शहर के प्रमुख चैराहो की शराब की दुकानों पर नजर आने वाली भीड़ नजर नहीं आ रही है। मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। शराब की बिक्री के लिए रोजाना जारी किये जाने वाले लाइसेंस की संख्या भी 50 प्रतिशत तक गिर गई है। ऐसे में सभी शराब व्यापारियों को अक्टूबर का बेसब्री से इंतजार है।
वैवाहिक सीजन और पार्टियों का दौर शुरू होते ही अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री सामान्य हो जायेगी। शराब के जानकारों के अनुसार जुलाई, अगस्त और सितम्बर में बिक्री प्रभावित होती है। इसे लीन सीजन भी कहा जाता है। आबकारी अधिकारी दुकानदारों को निर्धारित कोटा उठाने के लिए दबाव बना रहे है।

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