*जनता बड़ी हसरत के साथ पहुंची लम्भुआ तहसील लेकिन सांसद का कहीं अता पता नहीं*

*जनता बड़ी हसरत के साथ पहुंची लम्भुआ तहसील लेकिन सांसद का कहीं अता पता नहीं*

अशोक वर्मा(लम्भुआ) सुल्तानपुर

जिले के कोने कोने से तमाम दिव्यांगजन आए अपनी फरियाद और सांसद महोदया को देखने लेकिन वहां सिर्फ सांसद प्रतिनिधि ही दिखाई दिए जिनको देखने के बाद दिव्यांगजन चौंक गए उपजिलाधिकारी श्रीमती वन्दना पांडे, 190 विधानसभा के विधायक सीताराम वर्मा की मौजूदगी में दिव्यांग जनों का हुआ रजिस्ट्रेशन और जिन लोगों की 80 परसेंट से ऊपर डिसेबिलिटी थी

 

 

सिर्फ उनको ही रेलवे पास मिला बाकी लोगों के लिए ट्राई साइकिल का रजिस्ट्रेशन हुआ बहुत सारे फार्म जानकारी के अभाव में रिजेक्ट हो गए किसी का फोटो गलत लगा था तो किसी का हस्ताक्षर छूटा था तो किसी ने अपना मोबाइल नंबर ही नहीं लिखा था यहां पर सम्पूर्ण लोकसभा क्षेत्र से लोग अपने निजी एवं किराए के साधनों से आए थे जिनको यह उम्मीद थी कि आज हमें ट्राई साइकिल मिलेगी उनको निराशा ही हाथ लगी। लम्भुआ के कोतवाली प्रभारी शिवाकांत तिवारी द्वारा अपने हमराहों द्वारा आवागमन बाधित ना हो इसके लिए मुस्तैदी से लगे रहे ताकि किसी को कोई हैरानी व परेशानी ना हो सके लेकिन जनता की समस्या सुने कौन समझे कौन क्योंकि अपने दिल की बात तो अपने द्वारा चुने गए सांसद को ही बताना चाहते थे लेकिन वहां तो सिर्फ सांसद प्रतिनिधि ही प्रतिनिधित्व कर रहे थे जनता ने अपनी बात को सांसद प्रतिनिधि रंजीत से कहना उचित नहीं समझा मौजूद मंच पर प्रमुख एल के दुबे प्रधान संघ के अध्यक्ष रमेश दुबे और तमाम भारतीय जनता पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष बूथ अध्यक्ष पन्ना प्रमुख ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वही दूरदराज से आए हुए लोगों को काफी असुबिधा हुई खाने पीने की वस्तुओं को लेकर काफी परेशान रहे लोगों ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई।
दुखद विषय यह है कि सांसद महोदय के द्वारा जो कार्यक्रम तथा वह कार्यक्रम विधानसभा वाइज होता तो ज्यादा बेहतर था नहीं तो लोग बिना भोजन पानी के अपने कार्य के लिए सुबह-सुबह घर से निकले बिना भोजन के यह दर्द भरा विषय है माननीय सांसद महोदया सभी के हितों का ध्यान रखती हैं यह अचूक किस प्रकार हुई यह नहीं समझ में आया पांचो विधानसभा के लगभग लोग आए और अपने सांसद को प्यार भरी निगाहों से ढूंढ रहे थे हम भी अपना कुछ दुख-दर्द बताएंगे,
यह तो वही बात हो गई ना तो दर्द गया ना दवा ही मिली।

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