*निर्मम हत्या के बाद प्रशासनिक लापरवाही से ग्रामीणों आक्रोश कारण बनी हल्का लेखपाल झुनझुन बाला*
अशोक कुमार वर्मा
*सुलतानपुर लम्भुआ*
लम्भुआ क्षेत्र में जमीनी विवाद ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है। थाना शिवगढ़ क्षेत्र अंतर्गत सकरसी गांव, पोस्ट भरखरे में 70 वर्षीय बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मृतक की पहचान माता प्रसाद यादव (70 वर्ष) के रूप में हुई है। इस जघन्य वारदात का आरोप मृतक के ही बड़े बेटे बजरंगी यादव और उसके बेटे बृजेश यादव पर लगाया गया है। घटना के बाद से गांव में शोक के साथ-साथ आक्रोश का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार माता प्रसाद यादव के दो पुत्र थे बजरंगी यादव और विनोद यादव। छोटे बेटे विनोद यादव की लगभग 12 वर्ष पूर्व पंजाब में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद माता प्रसाद यादव अपने दिवंगत बेटे विनोद की पत्नी उर्मिला और उसके बच्चों के साथ रहने लगे थे। विनोद के परिवार में चार बेटियां और एक बेटा है, जिसमें सबसे छोटा बेटा प्रिंस ऊर्फ रिन्कू मात्र 13 वर्ष का है। बताया जा रहा है कि पारिवारिक बंटवारे और जमीन के स्वामित्व को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था, जो अंततः इस खूनी घटना में बदल गया।

परिजनों के मुताबिक 17 दिसंबर 2025 की सुबह करीब 7 बजे माता प्रसाद यादव पर अचानक हमला किया गया। आरोप है कि हमलावरों ने लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनके दोनों पैर बुरी तरह टूट गए। बुजुर्ग की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। गंभीर रूप से घायल माता प्रसाद को परिजन पहले माता प्रसाद की तरफ से सूचना शिवगढ़ को दी तत्पश्चात भदैया ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक देखते हुए उन्हें शाम को सुलतानपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान भी उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका और 18 दिसंबर की सुबह करीब 4:30 बजे उनकी मृत्यु हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। विनोद की विधवा पत्नी उर्मिला, 13 वर्षीय बेटी अंजलि और अन्य बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि माता प्रसाद यादव ने अपने जीवन में चार बेटियों की शादी कराई थी, जबकि एक बेटी की शादी अभी शेष थी। अब बुजुर्ग की मौत के बाद अकेली मां पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने बड़े बेटे बजरंगी यादव और उसके बेटे बृजेश यादव को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज किया और त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में राजस्व विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि लेखपाल झुनझुन बाला घटना के लगभग 36 घंटे बाद राजस्व निरीक्षक सुरेंद्र कुमार सिंह के साथ मौके पर पहुंचीं, जिससे लोगों में भारी रोष देखने को मिला। शव को घर से ले जाते समय भी राजस्व विभाग के रवैये को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। स्थिति को संभालने के लिए शिवगढ़ थाना और शंभूगंज चौकी की पुलिस फोर्स तैनात रही, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर लम्भुआ क्षेत्र में बढ़ते पारिवारिक जमीनी विवादों, अपराध और प्रशासनिक संवेदनहीनता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते विवाद का समाधान और प्रशासनिक सक्रियता होती, तो एक बुजुर्ग की जान बचाई जा सकती थी।
