मीठेपार के अनुराग दुबे बने इसरो वैज्ञानिक

*मीठेपार के अनुराग दुबे बने इसरो वैज्ञानिक*

 

*जिले व क्षेत्र का नाम किया रोशन,गांव में खुशी का माहौल*

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*अरुण कुमार जायसवाल (जिला ब्यूरो)*

सिकरारा /जौनपुर क्षेत्र के मीठेपार गांव निवासी अनुराग दुबे का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिक/इंजीनियर पद पर चयन हुआ है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव और जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई है। गांववासियों ने इसे उत्सव के रूप में मनाते हुए अनुराग को बधाइयां दीं।

 

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनुराग दुबे ने कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। उनके पिता राजेश दुबे खेती-किसानी करते हैं, जबकि माता आशा दुबे गृहिणी हैं। दादा हरिशंकर दुबे गांव के सम्मानित व्यक्तियों में गिने जाते हैं। सामान्य आर्थिक स्थिति के बावजूद परिवार ने शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।

 

अनुराग की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई केएन सिंह इंटर कॉलेज, बांकी से पूरी की। इसके बाद वर्ष 2014 में उन्होंने आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद (एकेटीयू) से बीटेक की डिग्री प्राप्त की। उच्च शिक्षा के क्रम में वर्ष 2022 में आईआईटी दिल्ली से एप्लाइड मैकेनिक्स में एमटेक किया।

 

वर्तमान में अनुराग मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, गुरुग्राम में कार्यरत हैं। इससे पूर्व वर्ष 2023 में उनका चयन मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (मिडहानी) जैसे प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में भी हुआ था, लेकिन उन्होंने उच्च शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए उस पद को जॉइन नहीं किया।

 

इसरो में चयन को लेकर अनुराग ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा-दादी और गुरुजनों को दिया है। गांववासियों का कहना है कि अनुराग की सफलता क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी इस उपलब्धि से स्थानीय युवाओं में पढ़ाई और करियर को लेकर नई उम्मीद जगी है।

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