*पति ने पत्नी और उसके प्रेमी की# मंदिर में करा दी शादी#आशीर्वाद देकर किया विदा*
प्रेम शर्मा

शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सराय मोहद्दीनपुर गांव में एक युवक ने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से कर दी प्रेमी को मंदिर में बुलवाया घर वालों के सामने उससे मांग भरवा दी| शादी के बाद प्रेमी उसकी पत्नी को लेकर चला गया पति ने पत्नी से कहा कि जहां भी रहना खुश रहना| यह अनोखी शादी जौनपुर के एक दुर्गा मंदिर में मंगलवार को हुई। ना कोई बारात, ना बैंड-बाजा, ना ही कोई धूमधाम, लेकिन इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है।
जानकारी के मुताबिक, जौनपुर के एक युवक की शादी 2 साल पहले खेतासराय थाना क्षेत्र की एक लड़की से हुई थी। शादी पूरी रीति-रिवाजों के साथ हुई थी, लेकिन लड़की पहले से ही एक युवक, यशवंत बिंद, से प्यार करती थी। शादी के कुछ समय बाद ही वह मायके जाने के बहाने अपने प्रेमी के साथ भाग गई।
पत्नी के भाग जाने के बाद भी पति ने संयम नहीं खोया। उसने किसी तरह पत्नी को वापस घर बुलाया और यह सोचकर कि शायद सब कुछ ठीक हो जाए, उसे अपने साथ नोएडा ले गया, जहां वह नौकरी करता था। लेकिन वहां भी स्थिति नहीं सुधरी। पत्नी अक्सर अपने प्रेमी से फोन पर बात करती रहती थी और पति या ससुराल में रहने से साफ मना करती थी। एक दिन उसने यहां तक कह दिया कि अगर उसे जबरदस्ती रोका गया, तो वह कुछ भी कर सकती है।
ऐसी स्थिति में पति ने एक बड़ा और साहसिक फैसला लिया। उसने सोचा कि जब पत्नी किसी और को चाहती है, तो जबरदस्ती रिश्ते को खींचने का कोई फायदा नहीं। उसने इस रिश्ते को एक सम्मानजनक मोड़ देने का फैसला किया।
पति ने अपनी पत्नी से बातचीत की और फिर उसे लेकर जौनपुर आया। वहां एक दुर्गा मंदिर में उसने पत्नी के प्रेमी यशवंत को भी बुलाया। तीनों के बीच बातचीत हुई और फिर मंदिर में रीति-रिवाज के साथ पत्नी और उसके प्रेमी की शादी कराई गई। प्रेमी ने पत्नी की मांग में सिंदूर भरा और पति शांत भाव से खड़ा होकर यह सब देखता रहा। अंत में उसने दोनों को आशीर्वाद देकर विदा किया।
इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि यशवंत अपनी प्रेमिका की मांग में सिंदूर भर रहा है। वहीं, उसका पूर्व पति शांत खड़ा है।
मीडिया से बातचीत में पति ने कहा कि शादी के बाद लगा था सब ठीक हो जाएगा, लेकिन जब समझ में आ गया कि उसका मन किसी और के साथ है, तो मैंने वही रास्ता चुना जिसमें सबकी भलाई हो। मैं उसे जबरदस्ती रोकना नहीं चाहता था। इसलिए खुद मंदिर में उसकी शादी कराई। अब वे दोनों जैसे चाहें, वैसे अपनी जिंदगी जी सकते हैं। मैं उन दोनो को शुभकामनाएं देता हूँ|