माता-पिता और गुरु के घर बिना बुलावे के जाना उचित

*शिव समानता के प्रतीक:—— अच्युतानंद महाराज*

 

*माता-पिता और गुरु के घर बिना बुलावे के जाना उचित*

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*संवाद :शिवपूजन मिश्रा*

सिगरामऊ। डंड़ारी/तुलापुर ग्राम पंचायत के अरविंद मिश्रा के आवास पर चल रही सप्त दिवसीय शिव महापुराण कथा में सोमवार को कथा व्यास परम पूज्य अच्युतानंद महाराज ने बताया कि भगवान शिव समानता के सर्वोच्च प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि शिव के पास साँप, बिच्छू और नंदी—सभी बिना भेदभाव के साथ रहते हैं, जो समाज को समरसता का संदेश देता है।

 

शिव–पार्वती संवाद का उल्लेख करते हुए महाराज ने कहा कि माता-पिता, गुरु और मित्र के घर बिना बुलावे के भी जाना चाहिए, क्योंकि ये जीवन के मुख्य आधार स्तंभ होते हैं।

 

कथा के दौरान प्रतिदिन प्रातःकाल रुद्राभिषेक व जाप संपन्न हुआ, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने सातों दिन भगवान शिव की महिमा का रसपान किया।

 

समापन अवसर पर दोपहर में हवन-पूजन के बाद एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में ग्रामीणों ने प्रसाद ग्रहण किया।

 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कमलेश मिश्रा, अमरनाथ मास्टर, मनोज मिश्रा, राम पूजन मिश्रा, मुन्ना मिश्रा, राहुल मिश्रा, प्रभाकर शुक्ला, राम अभिलेख मिश्रा, पूर्व प्रधान रामनारायण मिश्र, ग्राम प्रधान दिनेश मिश्रा, फूलचंद्र मिश्रा, मुन्ना मिश्रा, रमन, राजवंत ,राज केसर मिश्र, भिखारी खरवार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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