*बेसिक शिक्षा निदेशक पर रिश्वतखोरी के आरोप, विधायक के लेटरहेड पर पत्र वायरल*
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बीच बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल और बाबू अजय शंकर पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया पर बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह राजपूत के लेटरहेड पर लिखा एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों अधिकारियों पर ₹25 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप दर्ज है।
वायरल पत्र में उल्लेख है कि जनपद कासगंज के बिलराम स्थित सरदार भगत सिंह जूनियर हाई स्कूल का मार्च 2011 से शिक्षकों का वेतन भुगतान लंबित है। जबकि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ, लखनऊ ने तीन माह के भीतर एरियर भुगतान करने का आदेश पारित किया था।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल और बाबू अजय शंकर ने बकाया भुगतान जारी करने के लिए ₹25 लाख की मांग की। आरोप के अनुसार, विद्यालय प्रबंधन की ओर से ₹10 लाख रुपए वसूले भी गए, लेकिन शेष राशि के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
पत्र में आगे लिखा है कि —
> “मेरे ऊपर लगाया गया यह आरोप झूठा है। इस मामले में विभाग के पास माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्टे है।”
यह बयान निदेशक प्रताप सिंह बघेल से जोड़ा जा रहा है, जिन्होंने रिश्वतखोरी के आरोपों को निराधार बताया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी राज्य सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने विभाग में वसूली के मामलों को लेकर प्रताप सिंह बघेल पर आरोप लगाए थे। उनका लेटर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
इस नए पत्र के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल, सरकार और विभागीय स्तर पर आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
