*सिगरामऊ राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय में भारतेंदु हरिश्चंद्र की मनाई गई जयंती*

*सिगरामऊ राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय में भारतेंदु हरिश्चंद्र की मनाई गई जयंती*

*************************

शिवपूजन मिश्रा

*संवाददाता -तीखी आवाज, 24.in बदलापुर*

सिंगरामऊ जौनपुर भारतेंदु हरिश्चंद्र जयंती के अवसर पर आज दिनांक 9 सितंबर को राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय सिंगरामऊ में हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी नवजागरण और भारतेंदु हरिश्चंद्र विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य और विभाग के प्राध्यापकों द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम में अपने वक्तव्य मे हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ रवीन्द्र कुमार सिंह ने भारतीय हरिश्चंद्र जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा की भारतेंदु हरिश्चंद्र जी का पूरा साहित्य नवजागरण और चेतना का साहित्य है। उन्होंने चेतना के व्यापक अर्थ को बताते हुए स्पष्ट किया कि भारतेंदु का साहित्य किस तरह अपने समय के

साहित्य के माध्यम से समाज का सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक और साहित्यिक उत्थान में बड़ा कारण बनता है। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रोफेसर जय कुमार मिश्र ने कहा की भारतेंदु जी ने अपनी रचनाओं में जो कुछ कहा है उसे अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटक भारत दुर्दशा के माध्यम से उन्होंने नवजागरण के महत्व को समझने का प्रयास किया। कार्यक्रम के अंत में अपने अध्यक्ष वक्तव्य में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह ने भारतेंदु हरिश्चंद्र की के विषय में बोलते हुए बताया कि उनका साहित्य आज कहीं ज्यादा प्रासंगिक है उस समय अंग्रेजों ने बांटो और राज करो के माध्यम से भारत सहित विश्व के बड़े भूभाग पर शासन किया, वहीं आज पुरा विश्व जाति धर्म संप्रदाय में बटा हुआ नजर आता है। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ अजय कुमार दुबे ने किया। कार्यक्रम में श्री रमेश कुमार यादव, डॉ आनंद कुमार सिंह, डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ पतिराम राव सहित स्नातक एवं परास्नातक हिंदी के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

One thought on “*सिगरामऊ राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय में भारतेंदु हरिश्चंद्र की मनाई गई जयंती*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *