*योग और इक्विप्रेशर से चिकित्सा एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन*
अशोक कुमार वर्मा
लम्भुआ सुल्तानपुर
लम्भुआ में से शिविर का आयोजन आज आधुनिक युग में बढ़ते हुए रोगों की विभीषिका से संपूर्ण मानव जगत न केवल पीड़ित है
अपितु आधुनिकतम संसाधनों के बावजूद असहाय है क्यों ऐसे रास्ते की खोज में है इस मानव शरीर को सहज स्थिति सुलभ हो सके साथ ही साथ शरीर
को दुष्परिणामों से बचाया जा सके इन परिस्थितियों ऐसे परिवेश में अत्यंत प्राचीन एवं प्राकृतिक भारतीय उपचार पद्धति एक्यूप्रेशर की ओर चीन में इसकी बढ़ती
लोकप्रियता ने विश्व के अनेक कोनों में ध्यान आकर्षित कराया अध्यपी यह पद्धत भारत के लिए किसी भी दृष्टिकोण से नई नहीं है किंतु जिस रूप में इसे

आज प्रस्तुत किया जा रहा है एवं इसकी उपाध्ययता एवं प्रभाव कविता ने भारतीयों का विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया है यह पद्धति केवल मालिश एवं दबाव तक

सीमित न रहकर विश्व के विभिन्न भागों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे समझा एवं प्रयोग किया गया है अलग-अलग देश में इस पद्धति का अलग-अलग नामकरण किया गया है

कहीं से रिफ्लेक्स 16 की कहानी जॉन थेरेपी कहीं सियासू कहीं मीडियम थेरेपी के रूप में प्रयोग किया गया है एक्यूप्रेशर द्वारा डायबिटीज ब्लड प्रेशर गठिया कैंसर

घुटने के दर्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस लंबर स्पॉन्डिलाइटिस मिर्गी दम तथा महिलाओं के समस्त रोगों का उपचार बिना किसी दवा के किया जाता है यहां पर 10 दिवसीय चल रहे

प्रशिक्षण सर में प्रतिदिन प्रातः 7:00 से 8:00 बजे एवं साइन कालीन 6:00 बजे से 7:00 बजे एक्यूप्रेशर का विद्युत प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा उपचार

का समय प्रातः 9:00 बजे से 12:00 बजे तक शाम को 4:00 बजे से 6:00 बजे तक किया गया है जो भी लोग एक्यूप्रेशर सीखना चाहते हैं अपना उपचार करना चाहते हैं वह चंदन चंदन मैरिज प्वाइंट पर समय से आकर

इस विद्या का लाभ ले तथा स्वस्थ जीवन जिए यही गायत्री परिवार का और पतंजलि योग समिति का लक्ष्य है कि सभी लोग स्वस्थ रहें निरोगी रहे
Post Views: 180
Examples of polyketides from Lithoplocamia lithistoides include those disclosed in Martin et al priligy equivalent