*धूल फाकने को मजबूर सरकार की ड्रीम योजना कमल सरोवर लम्भुआ*
अशोक कुमार वर्मा
*लम्भुआ सुल्तानपुर*

जिले के लम्भुआ तहसील मुख्यालय अंतर्गत स्थित दुबौली ग्राम सभा मे अधिकारियों द्वारा आनंन फानन में कमल सरोवर का निर्माण करा कर शासन प्रशासन समेत खूब वाह-वाही लूटी गई लेकिन *”वही हाल की पूजा ख़तम प्रसाद वितरण सभी अपने अपने घर दूसरे दिन किसको याद करने की अवश्यकता है की किसके यहाँ पूजा हुई थी और क्या बताया गया था “*
यहां भी वही हाल है कई लाख खर्च के बाद उपमुख्यमंत्री द्वारा फीता काटा गया उसके बाद फिर पुराना खेल शुरू नाव चलाने वाला कोई नहीं नाव खरीदी गई है कमल सरोवर तो बना है पर साफ सफाई के लिए सफाई कर्मचारी गायब अव्यवस्थाओं का बोलबाला इतने चरम पर है की क्षेत्र में कमल सरोवर से ज्यादा तो वहाँ की अव्यवस्थाओ के बारे मे जनता मे चर्चा का विषय बना हुआ है हो भी क्यों ना सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट कमल सरोवर का उद्घाटन करने स्वयं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या जी जो पधारे थे उसके बाद से ही कमल सरोवर की हालत खस्ता होते चली गई कमल सरोवर के बीचो-बीच लगी भगवान राम की मूर्ति के फाउंडेशन मे मोटी मोटी दरारें आ गई जिसके चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है कमल सरोवर पर आने वाले सैलानियों को आकर्षित करने के लिए लाखों रुपए लगाकर बोट लाया गया था लेकिन अधिकारियों के उदासीनता के चलते कमल सरोवर में रहने के बजाय बाहर पड़े धूल फाक रहा है बच्चों के लिए ओपन जिम की व्यवस्था की गई थी लेकिन जिम में लगे झूले टूट कर पड़े हुए है
*कैंटीन की भी है व्यवस्था*
इसी कमल सरोवर से सटा हुआ राज्य आजीविका मिशन के तहत प्रेरणा कैंटीन भी खोली गई लेकिन देखरेख के अभाव के चलते कैंटीन में ताले लटक रहे हैं, जो स्वाभाविक भी है,आपको जानकर यह भी आश्चर्य होगा की जहाँ कैंटीन खुली है वहाँ उसी कमरे मे कभी विद्यालय चलता था भवन जर्ज़र हो चुका था
कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती थी इसी लिए वहाँ से विद्यालय ख़तम करना सरकार ने उचित समझा लेकिन आनन फानन मे सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को दिखाना था और लूट घसोट करनी थी तो उसी भवन को डेंट पेंट करके दूल्हन की तरह सजा कर दिखाया गया की यहाँ राज्य आजीविका मिशन के तहत प्रेरणा कंट्रीन भी है आखिर सरकार और उसके बड़ बोले अधिकारी भी सिर्फ जुमला ही तो फेंकना है अब समझ नहीं आता की क्या उस कमरे मे बैठे लोगो के जान को खतरा नहीं है यदि नहीं है तो फिर विद्यालय को क्या खतरा था और अगर खतरा है तो फिर कंट्रीन को क्यों नहीं सरकार है उसके नुमाइंदे है गलत को सही और सही को गलत कर सकते है।
*शौचालय की क्या है व्यवस्था*
हमारी निगाह पड़ी की चलो जैसे तैसे कंट्रीन भी बन गई लेकिन भारत सरकार की अति महत्वा कान्छी योजना शौच के लिए महिलाये और पुरुष बाहर ना जाये की कमल सरोवर पर कोई व्यवस्था नहीं है कमल सरोवर में आए हुए कुछ महिला सैलानियों ने बताया कि शौच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, *कहते है ना हांथी के दाँत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और* जब की शौचालय का निर्माण हुआ है लेकिन हमेशा ताला बंद रहता है।
प्राथमिक विद्यालय के एक कमरे को अलग थलग करते हुए कमल सरोवर का गार्ड रूम बना दिया गया है मजे की बात ये है की यह गार्ड रूम झाड़ियों के बीच मे है हमारी बात कमल सरोवर की देख रेख करने वाले गार्ड से हुई तो वो आँखों मे आंसू लिए रोते हुए अपना और अपने परिवार का जीवकोपार्जन ना होने की बात कही आगे बताया की मुझे ब्लॉक से दो वर्ष रखा गया था और बताया गया था की आपको हर माह दस हजार रुपये मिलेगा आज दो वर्ष बीत गए लेकिन मुझे दस रूपए तक नहीं मिले
*आइये जानते है की क्या कहना है खंड विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा लम्भुआ का-* कोई गार्ड मेरी तरफ से या किसी विभाग की तरफ से नहीं है कमल सरोवर एक समूह को हैंड ओवर किया गया है जिसका देख रेख समूह के द्वारा किया जाता है। रही बात शौचालय की तो पूर्णतया बना हुआ है।
*एपीओ नवीन मिश्रा का कहना है* की किसी को कभी गार्ड नहीं रखा गया था जब उसका निर्माण कार्य चल रहा था तो ठेकेदारों द्वारा सामान की सुरक्षा व्यवस्था के लिए किसी को रखा गया था जिसका भुकतान उन्ही लोगो द्वारा किया जा रहा था।
प्रधान से लेकर कोई अपना मुँह कुछ भी बोलने के लिए खोलने को तैयार ही नहीं है अब देखना दिलचस्प यही होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इन अव्यवस्थाओं को कब तक दूर करते है या नजरअंदाज करते है।
buy priligy pakistan Yet his prophetic warning has failed to be heeded by some of the world s biggest stars, who happily endorse cutting edge tech products for what we can only guess is a lucrative sum