*वाराणसी: 5 फरवरी तक गंगा आरती स्थगित, श्रद्धालुओं से भीड़ न लगाने की अपील*
सुधा द्विवेदी

*”धार्मिक आस्था के साथ संयम भी जरूरी”*
*वाराणसी, उत्तर प्रदेश:* विश्व प्रसिद्ध *गंगा आरती* जो हर दिन दशाश्वमेध घाट पर भक्तों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आकर्षित करती है, *5 फरवरी तक आमजन के लिए स्थगित कर दी गई है। गंगा सेवा समिति* के प्रबंधक ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह निर्णय विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
केवल दशाश्वमेध घाट ही नहीं, बल्कि *शीतला घाट, अस्सी घाट और अन्य प्रमुख घाटों* की गंगा आरती समितियों ने भी श्रद्धालुओं से *कम संख्या में घाटों पर आने की अपील* की है, ताकि अत्यधिक भीड़भाड़ से बचा जा सके और सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।
*श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील*
गंगा आरती वाराणसी की संस्कृति, आस्था और परंपरा का अहम हिस्सा है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु रोजाना आते हैं। हालांकि, अस्थायी रोक के चलते जनसामान्य को गंगा आरती का सीधा दर्शन नहीं मिल पाएगा। फिर भी भक्तजन घाट किनारे अपनी व्यक्तिगत पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
गंगा आरती समितियों ने सभी श्रद्धालुओं से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। उम्मीद की जा रही है कि 5 फरवरी के बाद परिस्थितियों की समीक्षा कर गंगा आरती को पुनः सुचारू रूप से प्रारंभ किया जाएगा।
*स्थानीय प्रशासन और आयोजन समितियां सतर्क*
स्थानीय प्रशासन भी इस दौरान घाटों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे रहा है। भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन को लेकर अधिकारियों ने घाटों पर *सख्त निगरानी* शुरू कर दी है।
*गंगा आरती का महत्व*
गंगा आरती न केवल एक *धार्मिक अनुष्ठान* है, बल्कि यह वाराणसी की *आध्यात्मिक पहचान* भी है। हर शाम होने वाली इस भव्य आरती में श्रद्धालु मां गंगा की आराधना करते हैं और दीपदान कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।
हालांकि, इस अस्थायी रोक के बावजूद, भक्तों की आस्था अटूट बनी रहेगी और जल्द ही वे एक बार फिर *गंगा आरती के दिव्य दर्शन का आनंद* उठा सकेंगे।