*प्रतापगढ़ जिले में 10 दिन में बंट गई 422 एमटी डीएपी, अब एक सप्ताह बाद रैक आने का आश्वासन दे रहे अफसर*

*किसान परेशान डीएपी खत्म, समितियों पर लटका ताला*
प्रतापगढ़ जिले में प्रशासन की ओर से 10 दिन पहले जिले की साधन सहकारी समितियों पर भेजी गई 422 मीट्रिक टन डीएपी किसानों को वितरित कर दी गई। इसके बाद से समितियों पर ताला लटक गया है। जबकि आलू, चना, मटर और गेहूं बोने के लिए किसानों को डीएपी की सख्त आवश्यकता है। जिले के अलग-अलग इलाके में कुल 168 साधन सहकारी समितियां हैं। इन समितियों पर अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में प्रशासन की ओर से डीएपी और पोटाश की खेप भेजी गई थी। इसका वितरण दीपावली के बाद दो नवम्बर से शुरू कराया गया। शनिवार तक जिले की इक्का-दुक्का समितियों पर डीएपी का वितरण चल रहा था। सोमवार को जिले की एक भी सहकारी समिति पर डीएपी अवशेष नहीं रह गई, नतीजा समितियों पर ताला लटक गया। सोमवार को वही समिति खुली मिलीं, जहां धान का क्रय संचालित किया जा रहा है। जबकि किसान डीएपी के लिए पूरे दिन चक्कर काटकर निराश लौटते रहे। दरअसल वर्तमान में आलू, मटर, चना और गेहूं की बोआई शुरू हो चुकी है। किसान पहले खाद, बीज जुटा लेना चाहते हैं, यही कारण है कि पूरे जिले के किसान खाद, बीज के लिए समितियों की परिक्रमा कर रहे हैं।
*एक सप्ताह में डीएपी की रैक आने का दावा*
*एआर कोआपरेटिव देवेन्द्र वर्मन और जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार* के मुताबिक जिले में डीएपी की रैक एक सप्ताह के अंदर आ जाएगी। रैक आते ही समितियों पर डीएपी की खेप भेज दी जाएगी। अफसरों का दावा है कि जिले में खपत के सापेक्ष उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाएगा। उर्वरक की किसी तरह से कमी नही है