*कोतवाली हिरासत में मौत का मामला “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग” तक पहुंचा* 

*कोतवाली हिरासत में मौत का मामला “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग” तक पहुंचा*

तीखी आवाज़

रिपोर्टर -प्रेम शर्मा

शाहगंज कोतवाली में अधेड़ उम्र के राजमिस्त्री मटरू बिन्द की हिरासत में मौत होने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है| इलाहाबाद के हाई कोर्ट अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव द्वारा की गई पैरबी के बाद आयोग ने इस मामले को संज्ञान में ले लिया और जांच के आदेश दिए हैं| आयोग ने 17398 /in/ 2024 डायरी संख्या के तहत इस शिकायत को दर्ज किया है| पुलिस हिरासत में हुई मौतों से जुड़े मामलों में न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है|

आपको बता दे की मटरू बिन्द की मौत की घटना के बाद से ही परिजन पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं |जबकि पुलिस इसे आत्महत्या बताने पर जोर दे रही है |अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इस मामले में स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस की शुरुआती जांच में जो लापरवाही और तथ्यों को छुपाने की कोशिश की गई वह संदेह को और भी गहरा करती है |इस घटना में मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने मटरू बिन्द को जानबूझकर प्रताड़ित किया जिसके परिणाम स्वरुप उसकी मौत हो गई |

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज की गई शिकायत से संभावना बढ़ी है कि अब सिर्फ पुलिस के दावे के आधार पर न्याय नहीं होगा बल्कि एक निष्पक्ष जांच की उम्मीद की जा रही है |अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने आयोग से मांग की है कि इस मामले में शामिल पुलिस कर्मियों की भूमिका की गहराई से जांच की जाए ताकि मटरू बिन्द के परिवार वालों को न्याय मिल सके|

आपको बता दें कि यह घटना एक बार फिर पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में सवाल उठाती है और मानवाधिकार आयोग का इस पर संज्ञान लेना दर्शाता है कि अब इस तरह की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जाएगा |अब देखना यह है कि क्या पुलिस की जिम्मेदारी तय होती है, या अन्य मामलों �

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