दो पक्षों मे मार पीट एक की ही की गई सुनवाई दुसरे को पुलिस भी कर रही गुमराह
अशोक वर्मा
लम्भुआ सुल्तानपुर

घटना लम्भुआ थाना अंतर्गत डकाही की है गांव वासियों पर बात करने पर पता चला कि 5 जुलाई 23 की शाम को दारू क़े नसे में राम बहादुर वर्मा वा राकेश वर्मा ने राम मनोरथ पाल को डकाही बाईपास के पास खूब गाली गलौज की और जानसे मारने की धमकी दी उमर दराज होने के कारण नशे की हालत को देखते हुए कुछ ना बोलते हुए घर चले गए लेकिन जब गांव में उनके नातियों को पता चला तो राम बहादुर को बच्चों ने मारा पीटा और राम बहादुर द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई कोतवाली लम्भुआ में 0212/23 में धारा
323,504,506 में अभियोग पंजीकृत किया गया यह घटना 48 घंटे भी नहीं बीती थी पुनः गोलबंद होकर राम मनोरथ पाल के घर गाली गलौज करने लगे उन लोगों के ना बोलने और न जवाब देने पर गोलबंद लोग अनिल विश्वकर्मा सुत राम बसंत विश्वकर्मा के कहने पर रविंद्र पाल उर्फ कल्लू पाल के सेहन दरवाजे पर पहुंचकर सचिन पाल सुत रामकेवल
पाल को सिर में सरिया से प्रहार करने के बाद बीच-बचाव करने पहुंचे रविंदरपाल सुत स्व राम राज पाल(कल्लू पाल) को भी सरिया से सिर में मार दिया वहीं वगल में खड़े रजनीश पाल सुत राजेन्द्र पाल को कान क़े पास भी चोट आई इन सब को लहूलुहान देखकर परिवार वालों ने घर की छत पर से चढ़कर अद्धा गुम्मा फेंकना शुरू किया जिसके कारण राम बहादुर वर्मा सुत स्व राम कृपाल वर्मा व उनकी पुत्री रूचि ,रिचा पुत्र अमन वर्मा सुत नागेन्द्र वर्मा वा राहुल वर्मा सुत स्व दयाराम वर्मा, सुधा वर्मा पत्नी स्व दयाराम वर्मा, शकुंतला वर्मा पत्नी राम बहादुर वर्मा वा दोनों पुत्री शिखा, नेहा क़े साथ साथ रीता, नीता वा अनिल विस्वकर्मा सुतगण राम बसंत विस्वकर्मा यह सभी लामबंद गोलबंद होकर रविंद्र पाल के सेहन दरवाजे पर पहुंचकर लाठी डंडा लोहे की रॉड चाकू से लैस होकर साथ ही महिलाओं ने अद्धा डंडा लेकर हमलावर होती रही पाल परिवार ने तहरीर के माध्यम से कोतवाली प्रभारी को बताया इस झगड़े की फसाद विश्वकर्मा परिवार रहा जो पूर्व में जमीनी विवाद को लेकर के भी आरोप लगाने में लगी रही है दारू गोश्त खिलाना पिलाना गांव की शांति भंग कराने में महती भूमिका निभा रहा है कारण सिर्फ जमीनी विवाद है रविंद्र पाल का कहना है कि हमारी बाग में अवैध रूप से मकान बनाया जा रहा है रोकने पर अमादा फौजदारी हो रहे हैं ईर्ष्या सिर्फ एक बात को लेकर है संजय वर्मा की अनुज बधु अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे और मैं सभासद का उम्मीदवार था। जब संजय वर्मा सुत त्रिभुवन वर्मा से वार्ता की तो पता चला की वह लखनऊ में अपने किसी निजी कार्य से गए थे और 7 जुलाई को वह लम्भुआ में थे ही नहीं तो किसके घर में गया मुझे जबरिया फसाया जा रहा है। और मेरे निजी जीवन से छेड़छाड़ की जा रही है, जिससे मेरा राजनीतिक व व्यवहारिक कैरियर खत्म हो सके, बड़े मजे की बात तो यह है की इसी प्रकारण मे एक एफ आई आर 5/7/23 को दर्ज है और मामले मे विस्वकर्मा परिवार के आने के बाद और बड़ी धाराओं मे शिला वर्मा ने मुकदमा 8/7/23 दर्ज करवाया जब की पाल परिवार को सुल्तानपुर हॉस्पिटल से 8 तारीख को देर मे छोड़ा गया चोट गंभीर होने के कारण शिला के दबाव मे पुलिस ने शिला की तरफ से मुकदमा तो दर्ज कर ही लिया लेकिन पाल परिवार की तरफ से प्रार्थना पत्र पर खबर लिखें जाने तक कोई कार्यवाही नहीं की गई,।
*आखिर क्या है मामला*
पाल परिवार और विस्वकर्मा परिवार का एक पुराना जमीनी विवाद चल रहा था आये दिन शिला का परिवार पाल परिवार के ऊपर कोई ना कोई आरोप लगाता रहता है जिसकी वजह से पाल परिवार परेशान रहे।
*आखिर संजय वर्मा को क्यों फ़साया जा रहा है* –
संजय वर्मा एक सम्मानित पारिवारीक परिवार से है इनके परिवार के बोली भाषा और सम्मान के की वजह से दो बार प्रधानी और जिलापंचायत सदस्य जीता कर लोगो ने सावित किया की आप सम्मानित है कल्लू पाल सभासद पद प्रत्याशी रहे है और नगर पंचायत पद के प्रत्याशी संजय वर्मा के शपोर्टर रहे होने के कारण शिला का परिवार संजय वर्मा को फ़साना चाहता है लेकिन शिला ये भूल गई की संजय कही बाहर है अब जांच मे देखते है क्या होता है।