*नहर पानी से नहीं झाड़ और घासो से भरी पड़ी*

*नहर पानी से नहीं झाड़ और घासो से भरी पड़ी*

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*माता चरण पांडे*

*संवाददाता तीखी आवाज मछली शहर*

 

बरईपार,

शारदा सहायक नहर की सफाई के नाम पर मात्र औपचारिकता निभाई जाने से नहर के पानी का बहाव पूरी तरह से अवरोध हो गया है। मौके की स्थिति यह है की पूरी की पूरी नहर घास फूस और उसमें उगी झाड़ियां से पटा होने के कारण पानी का बहाव अवरुद्ध होने के साथ सुचारू ढंग से नहीं हो पा रहा है।

ऐसी स्थिति में खेत तक पानी पहुंचना पूरी तौर पर टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। किसानों का रहनुमा बनने वाली सरकार के नुमाइंदे ही जिन पर समस्त समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी है वे खुद ही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।

चौबेपुर से लगाय, वारी, रामपुर कटा हित होते सिकरारा से उक्त नहर पूर्ब की तरफ जाती है नहर से लगी सड़क पूरी तरह से भारी गड्ढों में तब्दील हो गई। ऐसी स्थिति में उक्त मार्ग से गुजर रहे राहगीर और दो और चार पहिया वाहन सवार को साक्षात मौत के मुख से गुजरना पड़ रहा है। हालत यह है कि सरकार की लाख प्रयास और घोषणाओं के बाद भी मौके पर कोई भी कार्य नहीं हो रहा है। कागजों में सब कुछ दुरुस्त कर दिया जा रहा है। यही स्थिति उक्त नहर से लगे सभी माईनरो की है। नहर में दूर-दूर तक पानी की जगह घास फूस और बड़े-बड़े झाड़ झंखांड के पेड़ों ने ले रखी है। सरकार की शख्ती का नतीजा यह है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों की समस्या से बेखबर हो कुम्भकर्णीय नींद चैन से सो रहे हैं।

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