पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि
 
जौनपुर : भारतीय जनता पार्टी जौनपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर भाजपा कार्यालय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता भाजपा के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने की एव मुख्य अतिथि के रूप मे काशी क्षेत्र के पूर्व महामंत्री एव पूर्व विधायक प्रयागराज प्रभाशंकर पाण्डेय उपस्थित रहे। सर्वप्रथम पंडित दीनदयाल उपाध्याय एव डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उसके उपरांत वन्देमातरम गीत गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये पूर्व विधायक प्रभाशंकर पाण्डेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने गौरवशाली राष्ट्रनिर्माण के लिए सिर्फ 21 वर्ष की अवस्था में वह संघ के प्रचारक बने थे उन्होंने अपने चाचा को पत्र लिखा था कि ईश्वर ने हमारे परिवार को सब कुछ दिया क्या हम अपने परिवार का एक सदस्य भी राष्ट्र की सेवा के लिए अर्पण नही कर सकते पण्डित दीनदयाल ने यह सब सिर्फ पत्र में ही नही लिखा था बल्कि उसे जीवन में पूरी दृढ़ता से उतारा भी था उन्होंने सारी निजी महत्वाकांक्षाओं को तिलांजलि देकर राष्ट्रयज्ञ में सम्मिलित हुए जो बोला और कहा वह जिया 11 फरवरी 1968 की रेल यात्रा ने उनकी जीवन यात्रा पर पूर्ण विराम लगा दिया उनका शव मुगलसराय की रेल लाइन पर मिला उन जैसे संत का कोई कैसे शत्रु हो सकता था उनकी मृत्यु की गुत्थी कभी नही सुलझी।
उन्होंने आगे कहा कि ग्वालियर चिंतन शिविर में उन्होंने अपनी मशहूर “एकात्म-मानववाद” की अवधारणा पेश की उन्होंने व्यक्ति-समाज के भीतर शांति-सदभावना पैदा करने पर जोर दिया। उन्होंने ऐसे भारत की कल्पना की थी, जो अपने अतीत की यशोगाथाओं से भी अधिक गौरवशाली होगा।
खेल और युवा राज्य मंत्री गिरीश चंद यादव ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक गम्भीर दार्शनिक एवं गहन चिंतक होने के साथ-साथ वह एक ऐसे समर्पित संगठनकर्ता और नेता थे जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तिगत शुचिता एवं गरिमा के उच्चतम आयाम स्थापित किये। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय से ही वह इसके वैचारिक मार्गदर्शक और नैतिक प्रेरणा-स्रोत रहे हैं। उनका राजनीतिक दर्शन मानव मात्र की आवश्यकताओं के अनुरूप और हमारे प्राकृतिक आवास के अनुकूल राजनीतिक कार्यप्रणाली एवं शासकीय कौशल का मार्ग प्रशस्त करने वाला एक चहुंमुखी वैकल्पिक जीवन दर्शन है “अनेकता में एकता और विभिन्न रूपों में एकता की अभिव्यक्ति भारतीय संस्कृति की सोच रही है”।
पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि दीनदयाल जी में संगठन का अद्वितीय और अद्भुत कौशल था समय बीतने के साथ भारतीय जनसंघ की विकास यात्रा में वह ऐतिहासिक दिन भी आया जब सन 1968 में विनम्रता की मूर्ति इस महान नेता को दल के अध्यक्ष के पद पर प्रतिष्ठित किया गया अपने उत्तरदायित्व के निर्वहन और जनसंघ के देशभक्ति का सन्देश लेकर दीनदयाल जी ने दक्षिण भारत का भ्रमण किया 11 फरवरी, 1968 का दिन देश के राजनीतिक इतिहास में एक बेहद दु:खद और काला दिन है। इसी दिन अचानक पंडित दीनदयाल जी की आकस्मिक मृत्यु हुई वे मुगलसराय रेलवे स्टेशन जो वर्तमान में उन्ही के नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के निकट चलती रेलगाड़ी में संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गयी पंडित दीनदयाल जी के चाहने वाले और अनुयायी आज भी उस दुर्घटना से आहत हैं और उनकी मृत्यु को हत्या मानते है।
जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने उनके कृतित्व पर विचार प्रकट करते हुये कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सादा जीवन, उच्च विचार और दृढ़ संकल्प व्यक्तित्व के धनी थे वे एक मेधावी छात्र, संगठक लेखक, पत्रकार, विचारक, राष्ट्रवादी और एक उत्कृष्ट मानवतावादी थे उनके सामाजिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में सबसे कमजोर और सबसे गरीब व्यक्ति की चिन्ता सदैव रहती थी गरीबों व माँ भारती की सेवा करने के भाव को लेकर जबरदस्त उत्साह, जज्बे, जुनून और दृढ़ विश्वास के साथ, वे 1937 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए। इसके बाद जनसंघ के महासचिव के रूप में राजनीति में कदम रखा और 29 दिसम्बर 1967 को जनसंघ के अध्यक्ष बने। उन्होने 1951 से 1967 तक इस जिम्मेवारी का बखुबी निर्वहन किया। यह देश में कांग्रेस का राजनीतिक विकल्प था उन्होंने स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के एक मजबूत, जीवंत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के विचार को आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया।
कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंघानिया ने की ।उक्त अवसर पर जिला महामंत्री पीयूष गुप्ता सुशील मिश्र सुनील तिवारी अमित श्रीवास्तव जिला उपाध्यक्ष सुधाकर उपाध्याय नगर पालिका चेयरमैन मनोरमा मौर्य ब्लाक प्रमुख गण अजय सिंह बृजेश यादव सुनील यादव रविन्द्र सिंह राजू दादा राज पटेल अवधेश यादव ओमप्रकाश सिंह रामसूरत विन्द रामसूरत मौर्य बेचन पाण्डेय अनिल गुप्ता नरेन्द्र उपाध्याय रागिनी सिंह आमोद सिंह रोहन सिंह सिद्धार्थ राय मेराज हैदर अवनीश यादव सुरेन्द्र मिश्र सिद्धार्थ सिंह एव मंडल अध्यक्ष एव मंडल महामंत्री गण आदि उपस्थित रहे

 
									 
		 
		 
		