*किसानों में काफी रोष अधिकारीयों की तानाशाही व्याप्त लम्भुआ- प्रभात सिंह*

*किसानों में काफी रोष अधिकारीयों की तानाशाही व्याप्त लम्भुआ- प्रभात सिंह

अशोक कुमार वर्मा

*लम्भुआ सुल्तानपुर*

किसानों की जान सांसत में जिम्मेदार अधिकारी नहीं हो रहे उपलब्ध जो इन किसान नेताओं की परेशानियों को सुने और उसे पर निवारण करने का प्रयास करे लम्भुआ तहसील में तैनात उप जिलाधिकारी/ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट IAS गामिनी सिंगला जो अपने अड़ियल रवैया से बल्दीराय ही नहीं लम्भुआ तहसील में भी आपका खौफ और आतंक है कहने को बहुत ही ईमानदार अफसर हैं

लेकिन सदा ही विवादों के घेरे में रही है इस जनपद में बल्दीराय में अधिवक्ताओं से और लम्भुआ में अधिवक्ता और किसानों से आमने-सामने है कड़ा रुख अपनाने के कारण पूर्व में भी इन्होंने किसानों का ज्ञापन लेना मुनासिब नहीं समझा जिसके कारण किसान पदयात्रा कर लखनऊ जाने के लिए अड़े हुए थे तहसील हेडक्वार्टर से भदैया की दूरी लगभग 6 किलोमीटर चिलचिलाती धूप में निकल ही थे

क्योंकि वहां तक पहुंचने में काफी विलम्ब हो चुका था इस कारण किसान नेता भदैया में रुककर विश्राम कर अगले दिन लखनऊ जाने के लिए निकलने न पाएं

और किरकिरी से बचने के लिए क्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया और चाँदा लम्भुआ और कोतवाली देहात से फोर्स मंगा कर रोका गया था लगभग 4:00 बजे ज्ञापन लिया और कोरा आश्वासन देकर किसानों की समस्याओं को नजर अंदाज करते हुए ठंडे बस्ते में रख दिया

किसानों का सरल कार्य भी जो दिखाई देने वाला है वह भी आज तक नहीं हुआ तानाशाही रवैया से किसान हैरान व परेशान है वही एडिशनल व एडीएम के समक्ष बृहस्पतिवार को जो वार्ता शुरू हुई तो जो भी अभी तक चिकित्सीय परीक्षण हुआ था उसमें आमरण अनशन पर बैठे किसानों की स्थिति बद से वदतर होती देखने को मिली वही विजेन्द्र चौरसिया क्या ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल कम होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लम्भुआ लगभग 1:58 पर भर्ती कराया गया स्थिति सामान्य होने के बाद पुनः आमरण अनसन स्थल पर पहुँचे वही वार्ता के समय प्रदेश अध्यक्ष प्रभात सिंह उर्फ सूरज सिंह शुगर का लेवल कम होने के कारण वहीं गिर गए लेकिन गामिनी सिंगला के अडियल रवैया के कारण प्रभात सिंह ने चिकित्सा की सेवा लेने से इनकार कर दिया जब बात ना बनी तो अधिकारीगण जनपद वापस चले गए और आज पुनः उप जिलाधिकारी कादीपुर और क्षेत्राधिकारी कादीपुर लम्भुआ तहसील पहुँचे काफी प्रयास के किसान गामिनी के स्थानांतरण पर अड़े रहे खबर लिखे जाने तक कोई बात नहीं बनी

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