*प्रतापगढ़ पुलिस की सक्रियता से धोखाधड़ी के 20 करोड से अधिक रुपए का हुआ खुलासा*
*पुलिस ने तीन अभियुक्तों को किया गिरफ्तार 16 राज्यों में 55 हुई थी शिकायते*
अनिल मिश्र
प्रतापगढ़ साइबर सेल ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। साइबर थाना और जनपदीय साइबर सेल की टीम ने ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन एप्स के जरिए चल रहे घोटाले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
 मामला वीवीपुर, थाना जेठवारा के आजम अली की शिकायत पर दर्ज हुआ। शिकायतकर्ता को लोन देने का झांसा देकर खाता खुलवाया गया। साइबर सेल ने शुक्रवार सुबह प्रतापगढ़ के एटीएल ग्राउंड से शिवम तिवारी, अनुराग शुक्ला और अंकित पाल को गिरफ्तार किया।पूछताछ में पता चला कि आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं। ये लोग गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन के नाम पर लोगों से बैंक खाते, सिम कार्ड और अन्य दस्तावेज हासिल करते थे। शुरुआत में निवेश पर मुनाफा दिखाकर लोगों का विश्वास जीतते थे। फिर फर्जी एप्स के जरिए ठगी करते थे। गिरोह का नेटवर्क बिहार, असम और पश्चिम बंगाल समेत 16 राज्यों में फैला है। आरोपी टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर अपने शिकार को चुनते थे। खातों पर कार्रवाई होने पर नए खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते थे। अब तक 55 शिकायतों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी सामने आई है।आरोपियों के पास से पुलिस ने 2 स्मार्टफोन, 2 कीपैड फोन, 2 सिम कार्ड, 13 बैंक पासबुक, 9 एटीएम कार्ड की प्रतियां, 5 चेक की प्रतियां, 3 पैन कार्ड की प्रतियां, 6 आधार कार्ड की प्रतियां, 34 QR कोड 32 यूएसडीटी ट्रांजेक्शन की प्रतियां पुलिस ने बरामद की हैं।साइबर पोर्टल पर विश्लेषण में यह सामने आया कि इस गिरोह ने 20,05,86,879 रुपये की ठगी की, जिसकी पुष्टि देश के 16 राज्यों से दर्ज 55 शिकायतों से हुई है। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य 10 सदस्य और नेटवर्क भी ट्रैक किए जा रहे हैं।
मामला वीवीपुर, थाना जेठवारा के आजम अली की शिकायत पर दर्ज हुआ। शिकायतकर्ता को लोन देने का झांसा देकर खाता खुलवाया गया। साइबर सेल ने शुक्रवार सुबह प्रतापगढ़ के एटीएल ग्राउंड से शिवम तिवारी, अनुराग शुक्ला और अंकित पाल को गिरफ्तार किया।पूछताछ में पता चला कि आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं। ये लोग गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन के नाम पर लोगों से बैंक खाते, सिम कार्ड और अन्य दस्तावेज हासिल करते थे। शुरुआत में निवेश पर मुनाफा दिखाकर लोगों का विश्वास जीतते थे। फिर फर्जी एप्स के जरिए ठगी करते थे। गिरोह का नेटवर्क बिहार, असम और पश्चिम बंगाल समेत 16 राज्यों में फैला है। आरोपी टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर अपने शिकार को चुनते थे। खातों पर कार्रवाई होने पर नए खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते थे। अब तक 55 शिकायतों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी सामने आई है।आरोपियों के पास से पुलिस ने 2 स्मार्टफोन, 2 कीपैड फोन, 2 सिम कार्ड, 13 बैंक पासबुक, 9 एटीएम कार्ड की प्रतियां, 5 चेक की प्रतियां, 3 पैन कार्ड की प्रतियां, 6 आधार कार्ड की प्रतियां, 34 QR कोड 32 यूएसडीटी ट्रांजेक्शन की प्रतियां पुलिस ने बरामद की हैं।साइबर पोर्टल पर विश्लेषण में यह सामने आया कि इस गिरोह ने 20,05,86,879 रुपये की ठगी की, जिसकी पुष्टि देश के 16 राज्यों से दर्ज 55 शिकायतों से हुई है। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य 10 सदस्य और नेटवर्क भी ट्रैक किए जा रहे हैं।

 
									 
		 
		 
		