*साड़ी कला के ग्राम प्रधान व सचिव जांच के घेरे में*

*साड़ी कला के ग्राम प्रधान व सचिव जांच के घेरे में*

 

*वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारों पर जिलाधिकारी ने लगाई रोक*

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माता चरण पांडे

*संवाददाता तीखी आवाज 24.in मछली शहर*

सुजानगंज ब्लाक अंतर्गत आने वाले साड़ी कला ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से स्वजनों के हित में भुगतान कराए जाने के आरोप में ग्रामप्रधान व ग्राम सचिव जांच के घेरे में आ गए हैं। वहीं जिलाधिकारी जौनपुर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव के वित्तीय व प्रशासनिक कार्यों में रोक लगा दी है उन पर बड़ा आरोप लगा है की ग्राम प्रधान द्वारा चचेरे भाई-बहनों पर लाखों रुपये का भुगतान करा लिया गया है।

गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय पुत्र महादेव उपाध्याय ने ग्राम पंचायत में वर्तमान प्रधान सुभाष चंद्र मौर्य पर आरोप पत्र में बताया गया है कि प्रधान ने शासनादेश के खिलाफ अपने ही परिवार व सगे संबंधियों का अलग-अलग जॉब कार्ड बनाकर बिना कार्य ही कई लाख रुपये का भुगतान कराया गया।

शिकायत पर उपायुक्त श्रम रोजगार अधिकारी ने जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी जौनपुर को जांच सौपी । जांच में योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों में ग्राम प्रधान से संबंधित 15 व्यक्तियों पर 342862 रुपये सरकारी धन का दुरुपयोग मिला। इस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने संबंधित सचिव ग्राम पंचायत को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मामले में 21 दिन में स्पष्टीकरण देते हुए आख्या प्रस्तुत करने को कहा गया था। नोटिस के क्रम में प्रस्तुत उत्तर स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद तत्कालीन सीडीओ साईं तेजा सीलम ने जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी स्पष्ट जांच आख्या देने को कहा। जांच प्रक्रिया में विलंब होने पर उक्त शिकायतकर्ता ने माननीयउच्च न्यायालय इलाहाबाद में अवमानना याचिका दाखिल कर दिया। मामले में जांच में पता चला की प्रधान द्वारा मनरेगा मजदूरी भुगतान ही नहीं बल्कि कार्यों में कमियां व लापरवाही की गई है। इसके लिए संबंधित ग्राम प्रधान ग्राम सचिव मनरेगा से संबंधित अन्य कर्मचारी अधिकारी प्रथम दृष्टया दोषी हैं। जिन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए पात्र लाभार्थी को फायदा ना देकर स्वजनो के हित में कार्य किया है।

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