*प्रतापगढ़ / विद्युत विभाग के कार्यों को निजीकरण हाथों में देने की प्रक्रिया को लेकर बिजली कर्मियो ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया!*
विद्युत विभाग के कार्यों को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया को लेकर विद्युत कर्मियों और अभियंताओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है।

केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों, अभियंताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन किया और निजीकरण का फैसला वापस लिए जाने की मांग उठाई। प्रदर्शन करते हुए अवर अभियंता एवं प्रोन्नत सहायक अभियंताओं ने कहा कि निजीकरण किसी भी दशा में स्वीकार नहीं होगा। दिनभर काम करने के बाद कर्मी और अभियंता चिलबिला में अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने एकत्र हुए। बैनर लगाकर और काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। अपने विभागीय कार्यों का सुचारू रूप से संपादन किया और फिर शाम पांच बजे से छह बजे तक एक घंटे तक हक के लिए एकजुट हुए।विरोध सभा में कर्मियों ने निर्णय लिया कि निजीकरण किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं है। निजीकरण आम जनमानस तथा कर्मचारियों के हितों के बिल्कुल विरुद्ध है। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्काम का निजीकरण करने के लिए ट्रांजेशन कन्सलटेन्ट की नियुक्ति के लिए प्रकाशित निविदा से प्रदेश भर के जूनियर इन्जीनियर्स एवं प्रोन्नत अभियन्ताओं में व्यापक रोष है यह कर्मचारी हित में नहीं है। पहले भी निजीकरण को लेकर सरकार और प्रबंधन ने कदम उठाए, लेकिन विफल रहा है। ऐसे में यह फैसला वापस हो। कहा कि जो कमजोर कड़ी है उसे दुरुस्त किया जाए, इससे व्यवस्था में सुधार होगा। वर्तमान में प्रबंधन बिना किसी पदाधिकारियों की सहमति के एकतरफा निर्णय ले रहा है।सरकार जब तक निजीकरण के आदेश को वापस नही लेगी तब तक हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।।
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