तुलसी साहित्य की चेतना विराट, पूर्वाग्रह रहित हो पढ़ने की जरूरत

तुलसी साहित्य की चेतना विराट, पूर्वाग्रह रहित हो पढ़ने की जरूरत

सिंगरामऊ। राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय सिंगरामऊ जौनपुर के हिन्दी-विभाग द्वारा तुलसीदास की जयंती मनाई गई। विभाग प्रभारी डाॅ रवीन्द्र कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा आज तुलसीदास के साहित्य को पूर्वाग्रह रहित हो समग्रता में पढ़ने की जरूरत है। तुलसीदास और उनके साहित्य को लेकर कुछ अति प्रगतिशील लोगों के द्वारा लगातार समाज में गलत धारणा गढ़ने की कोशिश की जा रही है जो ठीक नहीं है। कुछ शब्दों के आधार पर तुलसीदास को दलित और स्त्री विरोधी बताया जा रहा है। उन्हें ब्राह्मणवादी मनुवादी बताकर दलित विमर्श को धार देने की कुत्सित कोशिश की जा रही है। जबकि समग्र तुलसी साहित्य हर तरह की विसंगति से परे विराट मानवीय चिंता की उपज है।राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर जय कुमार मिश्र ने कहा तुलसीदास ने राजनीति के उच्च मुल्य स्थापित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह ने संस्मरण के माध्यम से चित्रकूट यात्रा और तुलसीदास के जन्म स्थान से जुड़ी कुछ यादों को साझा किया। कार्यक्रम का सफल संचालन अजय कुमार दुबे ने किया। रमेश कुमार यादव, गिरीश त्रिपाठी, मिडिया प्रभारी डाॅ संतोष कुमार सिंह के साथ बड़ी संख्या में छात्र- छात्राओं ने ज्ञानवर्धक किया।

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