दिल्ली के स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक, शिक्षा निदेशालय ने जारी की एडवाइजरी

दिल्ली के स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक, शिक्षा निदेशालय ने जारी की एडवाइजरी
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न्यूज़ ब्यूरो तीखी आवाज नई दिल्ली-सत्य प्रकाश तिवारी
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स्कूलों को कहा गया है कि स्कूल छात्रों के माता-पिता के लिए हेल्पलाइन नंबर दे सकते हैं, जहां से छात्र आपातकालीन स्थिति में काल प्राप्त कर सकते हैं। दिल्ली के स्कूल परिसर में अब मोबाइल फोन का प्रयोग करना प्रतिबंधित रहेगा। शिक्षा निदेशालय ने सरकारी, सहायता प्राप्त व निजी स्कूल संचालकों को स्कूल में मोबाइल फोन के न्यूनतम उपयोग के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसके लिए निदेशालय ने दिल्ली स्कूल शिक्षा एक्ट 1973 का हवाला दिया है। एडवाइजरी में अभिभावकों को भी यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बच्चे स्कूल परिसर में मोबाइल फोन न ले जाएं।
शिक्षा निदेशालय के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है की मोबाइल फोन के उपयोग से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं। फोन के अधिक उपयोग से तनाव, चिंता, सामाजिक अलगाव, नींद ना आना जैसे परिणाम हो सकते हैं। यह सीखने की प्रक्रिया में भी प्रभाव डालता है। इससे उत्पीड़न की भी घटनाएं हो सकती है। अनुचित फोटो खींची जा सकती है या फिर अनुचित सामग्री की रिकॉर्डिंग व अपलोड किया जा सकता है। इसलिए स्कूल परिसरों में मोबाइल फोन के उपयोग को निश्चित रूप से नियंत्रित करने की आवश्यकता है। ऐसे में स्कूली शिक्षा से जुड़े सभी हितधारकों जैसे छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों को स्कूलों में मोबाइल फोन के न्यूनतम उपयोग पर आम सहमति बनाने की आवश्यकता है।
जिससे छात्रों के लिए स्कूल में बेहतर वातावरण तैयार हो सके। निदेशालय ने अभिभावकों से अनुरोध किया है की वे यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे स्कूल परिसर में मोबाइल फोन ना ले जाएं। यदि छात्र स्कूल में मोबाइल फोन ले जाते हैं तो स्कूल अधिकारियों को लाकर या अन्य प्रणाली का उपयोग करके उसे सुरक्षित रूप से जमा करने की व्यवस्था करनी होगी। स्कूल छोड़ते समय छात्रों को वापस किया जाए। कक्षाओं में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से शक्ति से परहेज किया जाए।
इसके अलावा शिक्षक, अन्य कर्मचारी भी शिक्षण, खेल के मैदान , लैब, लाइब्रेरी में भी इसका प्रयोग ना करें। स्कूलों को कहा गया है, स्कूल छात्रों के माता पिता के लिए हेल्पलाइन नंबर दे सकते हैं, जहां से छात्र आपातकालीन स्थिति में काल प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में निदेशालय ने सभी स्कूलों को स्पष्ट किया है, कि इस जानकारी को छात्रों, व अभिभावकों, तक पहुंचाएं और इसके लिए जरूरी कदम उठाए।

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