उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ परिवहन विभाग ड्राइवरों व कर्मचारियों द्वारा हड़ताल
सुशील कुमार शुक्ला — जिला संवाददाता- तीखी आवाज लखनऊ
आज लखनऊ रीजन मे में लगभग 1000 बसों का संचालन रहा था । ड्राइवर व कर्मचारी हड़ताल पर हैं । एसी बसों के लगभग 2000 से ज्यादा टिकट कैंसिल हुए हैं । इससे पहले गुरुवार को ऐसी बसों की हड़ताल थी । आज शुक्रवार को इसमें नॉर्मल बसु के ड्राइवर व कर्मचारी भी शामिल हो गए । रोडवेज के कर्मचारी लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक(RM) को हटाने व 15 सूत्री मांग पर आने हुए हैं ।
लखनऊ में हड़ताल से दिल्ली , गोरखपुर, बहराइच ,सहारनपुर, बनारस ,समेत तकरीबन सभी रोड बसों का संचालन सामान्य है , वही दूसरे जनपद से आने वाली बसों का भी संचालन सामान्य ही है । बसों की संख्या कम होने से बसों में काफी भीड़ है । यात्रियों को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है । आज नान ऐसी बसों के ड्राइवरों ने बस चलाने से इंकार कर दिए ।
आज लखनऊ में चारबाग, आलमबाग ,कैसरबाग व अवध बस डिपो पर सुबह पहुंचने वाले यात्रियों को निराशा हुई । क्योंकि इन डिपो से बस का संचालन ठप रहा । गुरुवार को प्रदर्शन के कारण लगभग 93 बसें कैंसिल करनी पड़ी थी । बृहस्पतिवार को यात्रियों को साधारण बस से ही यात्रा करना पड़ा । लेकिन आज साधारण बसों का भी संचालन ठप रहा । ऐसे में आज समस्या ज्यादा बढ़ गई , हड़ताल को खत्म करने के लिए मुख्य प्रधान प्रबंधक प्रकाशन राम सिंह वर्मा, सीजीएम टेक्निकल रविंद्र सिंह, प्रधान प्रबंध संचालक के साथ आरएम को हटाने की मांग के मांग को लेकर वार्ता हुई । लेकिन कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हुई, और कर्मचारियों का हड़ताल जारी है । प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के द्वारा आरएम मनोज पुंडरीक को हटाने की मांग पर कर्मचारी अड़े हुए हैं । हालांकि मनोज पुंडरीक का कहना है । कि ड्राइवर 15 घंटे बस चलाने की अनुमति मांग रहे हैं । इससे हादसे हों सकते हैं मनोज पांडे का कहना है । इसलिए यह मांग पूरी नहीं की जा रही है । 8 घंटे ड्यूटी के बाद आराम का निर्देश है । जबकि रोडवेज के कर्मचारी संगठनों द्वारा जुड़े नेताओं का कहना है कि, जब तक आरएम को नहीं हटाया जाएगा तब तक बसों का संचालन नहीं होगा । कर्मचारियों का आरोप है कि, बस अड्डों पर 20 मिनट से ज्यादा बसों को खड़ा नहीं होने दी जा रही है । ऐसे में यात्री कब मिल रहे हैं । इसे 50 से कम यात्री मे रहते हैं, तो ड्राइवर व कंडक्टर को जिम्मेदार माना जाता है । इसके अलावा छोटी छोटी गलती पर कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया जाता है