*सरकार की गाड़ी चलाने वालों का कुछ अज़ब गज़ब तरीका*

*सरकार की गाड़ी चलाने वालों का कुछ अज़ब गज़ब तरीका*

अशोक वर्मा(लम्भुआ) सुल्तानपुर

  • जनपद सुल्तानपुर में हर समाजिक मुद्दों को लेकर अग्रणी भूमिका निभाने वाली समाजसेवी संगठन स्पेशल युवा एंटी करप्शन टीम लगातार सामाजिक और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाती रहती है उसी में से के लम्भुआ तहसील मुख्यालय पर अग्निशमन के सामान एवं फायर बिग्रेड की गाड़ी उपलब्ध कराए जाने हेतु लगातार एक माह से संबंधित उप जिलाधिकारी लम्भुआ श्रीमान जिलाधिकारी सुल्तानपुर कई पत्रों के माध्यम से लगातार अनुरोध कर रही है। कि इस भीषण गर्मी में आए दिन किसी न किसी ग्राम सभा में आगजनी की घटना घटित हो रही है जिला मुख्यालय से दमकल की गाड़ियां पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। तब तक सब कुछ जलकर राख हो जाता है, दमकल की गाड़ी पहुंच कर भी ढाक के तीन पात के बराबर ही रह जाती है यह बताना यह भी उचित होगा कि लम्भुआ तहसील मुख्यालय पर 4 साल से फायर बिग्रेड की बिल्डिंग बन रही है अधिकारियों की उदासीनता से 10- 20 दिन काम चलने के बाद फिर ठप हो जाता है।फिर ग्रामीण कुछ शिकायत करते हैं तो काम स्टार्ट हो जाता है मगर इन 4 सालों में एक फायर ब्रिगेड स्टेशन लम्भुआ 190 विधानसभा वासियों को अब तक नसीब नहीं हुआ जबकि शासन के अधिकारी मंत्री विधायक सांसद लगातार जीरो ग्राउंड पर जो भी विकास कार्य चल रहे हैं उस की जमीनी हकीकत देखते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या देखते हैं सिर्फ डाक बंगले में बैठकर जिले के समस्त अधिकारियों के साथ चाय पानी नाश्ता और कुछ मीठी मीठी बातें करके विकास की योजनाएं नहीं पूरी की जा सकती हैं। जब तक की जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही न सुनिश्चित कराई जाए उनका निलंबन ट्रांसफर पद से रिवर्ट करने की व्यवस्थाएं जीरो ग्राउंड पर नहीं उतरेंगी तो इसी तरीके से सब कुछ राम भरोसे चलता रहेगा जैसे लम्भुआ विधानसभा वासियों को आग लगने के बाद वह पुराने संसाधन स्वयं के आत्मबल स्वयं की एकजुटता से आग पर काबू पाने के लिए हाथ पैर चलाने होते हैं तब जाकर कहीं अग्नि को शांत किया जाता है। अब दौर चलता है लेखपाल के अग्नि से हुए नुकसान की भरपाई की बात वह भी ऊंट के मुंह में जीरे के समान साबित होती है क्या सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सब का प्रयास सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नारे का अधिकारियों द्वारा जीरो ग्राउंड पर अनुपालन नहीं किया जा रहा है। तो जवाब आता है नहीं समाज सेवी संगठन स्पेशल युवा एंटी करप्शन टीम द्वारा लगातार कई प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने के बाद भी 1या 2 प्रार्थना पत्रों पर उच्च अधिकारियों को लेटर जारी करके अपने जिम्मेदारियों की इति श्री कर ली जाती है आज दिनांक 8/4/2023 समय लगभग 2 बजे प्रतापपुर कमायचा ब्लॉक के राजस्व गांव सदरपुर में लगी आग जिसके कारण 15 से 20 बीघे गेहूं जलकर खाक हो गया। जिला मुख्यालय जहां पर फायर बिग्रेड की गाड़ियां हैं वहां से घटनास्थल 30 से 35 किलोमीटर दूर होने के कारण उसका कोई भी प्रयोग दूरी होने के कारण अग्निकांड में नहीं हो पाता है सिर्फ कागजी कोरम पूरा करने के लिए गाड़ियां जब पहुंचती है तो सिर्फ राख रहती है सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट मनरेगा के तहत खुदे तालाब अमृत सरोवर कमल सरोवर सूखे पड़े हैं। पानी न होने के कारण आपातकाल में उन तालाबों का भी प्रयोग नहीं हो पाता है सामान्य समय में चिड़ियों को पानी पीने तक की व्यवस्था इन तालाबों में नहीं है सरकार के आला अधिकारी क्या तालाबों में पानी नहीं भरा सकते हैं या इसका निरीक्षण नहीं करते हैं। सभी अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन जीरो ग्राउंड पर नहीं कर पा रहे हैं अब तो हमें लगता है कि व्यवस्थाएं ही राम भरोसे हो गई है। स्पेशल युवा एंटी करप्शन टीम के सलाहकार अशोक कुमार वर्मा ने थाना दिवस प्रभारी तहसीलदार लम्भुआ वा शिवाकांत त्रिपाठी की मौजूदगी में भी मुलाकात की और समस्या से अवगत कराया उक्त प्रार्थना पत्र पर तहसीलदार द्वारा जिला अग्निशमन अधिकारी सुल्तानपुर को आदेशित किया कि कृपया जन सुविधाओं हेतु थाना लंभुआ में गाड़ी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। अब देखना है कि अग्निशमन अधिकारी वा जिला अधिकारी जसजीत कौर की नजरें कब इनायत होती हैं।

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