*महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर, अखिल भारतीय घोष दिवस का आयोजन*
प्रेम शर्मा

महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अखिल भारतीय घोष दिवस पर स्वरांजली कार्यक्रम का आयोजन किया| कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने घोष वादन के साथ नगर में पथ संचलन किया |जौनपुर विभाग के कार्यवाह डॉ नितेश ने कार्यक्रम में घोष की महत्ता बताई |उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से घोष वादन की परंपरा रही है| युद्ध में रणभेरी के रूप में इसका प्रयोग होता था| संघ ने स्वयंसेवकों को प्रेरित करने और शारीरिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता बढा़ने के लिए घोष को अपनाया | डॉ नितेश ने बताया कि भगवान शंकर के डमरू से निकले चौदह स्वरों से व्याकरण और संगीत विकसित हुई, इसी कारण संघ महाशिवरात्रि को अखिल भारतीय घोष दिवस के रूप में मनाता है |वर्तमान में पूरे भारत में 70 हजार से अधिक स्वयंसेवक घोष वादन करते हैं |और उन्होंने बताया कि 1982 के एशियाड खेलों में नौसेना ने संघ द्वारा विकसित शिवराज रचना का वादन किया था| संघ ऐसे व्यक्तियों का संगठन है जो कदम से कदम और स्वर से स्वर मिलाकर चलते हैं| कार्यक्रम में नगर संघचालक दिलीप, नगर सह संघचालक श्री राम, वीरेंद्र, जिला प्रचारक रजत, मुकेश, हनुमान, विनय ,रूपेश सहित कई स्वयंसेवक संघ मौजूद रहे|