उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तदर्थ शिक्षकों का धरना 42 वें दिन भी जारी।
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सुशील कुमार शुक्ल
जिला संवाददाता तीखी आवाज, लखनऊ
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लखनऊ तदर्थ शिक्षकों का सोमवार को 41 वां दिन रहा। शिविर कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों में मायूसी रही। शनिवार रात को 1 साल से वेतन ना मिलने की वजह से इलाज के अभाव में तदर्थ शिक्षक का निधन हो गया था। धरने पर बैठे शिक्षकों ने श्रद्धांजलि देते हुए शोक जताया। इस दौरान कुछ शिक्षकों मैं आक्रोश भी देखा गया। हालांकि अभी भी ज्यादातर शिक्षकों को भरोसा है,कि सरकार जल्द ही वेतन निर्गत कराने का आदेश करेगी। तदर्थ शिक्षक संघ के संयोजक राजमणि सिंह का कहना है कि, विपिन वर्मा अंबेडकरनगर के शास्त्रीय औद्योगिक इंटर कॉलेज कासिमपुर कर्बला मैं सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। और वे बीमार थे। 1 साल से वेतन न मिलने के कारण इलाज के अभाव में उनका निधन हो गया। उन्होंने बताया कि अब तक 35 तदर्थ शिक्षकों का बीमारी से निधन हो चुका है। धरने पर बैठे शिक्षकों ने सरकार की कड़ी निंदा की। 40 दिनों से तदर्थ शिक्षक अपने वेतन भुगतान के लिए धरना व याचना कर रहे हैं। इसके बावजूद भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इससे पहले 26 जून को भी एक शिक्षक के कैंसर से इलाज के अभाव में मौत हो गई। बहराइच के महेंद्र कुमार मिश्रा के इलाज का खर्च परिवार उठाने में अक्षम था। साल भर से उनका वेतन रोक दिया गया था। उनकी मौत के बाद बेटी पल्लवी मिश्रा ने पिता की मौत के लिए सिस्टम को दोषी ठहराया था