प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के चौथे वर्षगांठ पर ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा टीबी मरीजों के बीच जागरूकता एवं पोषाहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन:
 
संस्था द्वारा अभी तक उत्तर प्रदेश एवं बिहार में गोद लिए गए टीबी मरीज के बीच लगभग बीस हजार से ज्यादा पोषाहार किया जा चुका वितरण:

छपरा, 09 सितंबर।
एक ओर जहां टीबी अक्सर वज़न कम करने और पोषण संबंधी कमियों का कारण बनता है, जिससे रोगी का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। वहीं दूसरी ओर कुपोषण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर भी करता है, जिस कारण व्यक्ति टीबी संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है और ठीक होने में बाधा आती है। उक्त बातें सारण जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों के गोद लिए गए मरीजों को पोषाहार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह ने टीबी मरीजों के बीच पोषाहार वितरण के दौरान कही।
 उक्त बातें सारण जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों के गोद लिए गए मरीजों को पोषाहार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह ने टीबी मरीजों के बीच पोषाहार वितरण के दौरान कही।  उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने 9 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) का शुभारंभ देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में निक्षय मित्र की अवधारणा पेश की गई थी,
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने 9 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) का शुभारंभ देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में निक्षय मित्र की अवधारणा पेश की गई थी,  जो टीबी रोगियों को उनके उपचार की पूरी यात्रा में सहायता करने के लिए समर्पित एक साथी है। बिहार और उत्तर प्रदेश के लगभग तीन हज़ार से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर लगभग बीस हज़ार से ज्यादा पोषाहार वितरण किया गया है।
जो टीबी रोगियों को उनके उपचार की पूरी यात्रा में सहायता करने के लिए समर्पित एक साथी है। बिहार और उत्तर प्रदेश के लगभग तीन हज़ार से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर लगभग बीस हज़ार से ज्यादा पोषाहार वितरण किया गया है।

आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) का एक प्रमुख घटक टीबी रोगियों को मासिक आधार पर पौष्टिक खाद्य पदार्थों का एक फूड पोटली प्रदान करना है। क्योंकि यह न केवल रोगियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है,  बल्कि निक्षय मित्र और इलाजरत व्यक्ति के बीच एक सहानुभूतिपूर्ण संबंध भी स्थापित करता है। पोषण संबंधी सहायता के अलावा, संस्था द्वारा रोगियों या उनके परिवार के सदस्यों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से रोज़गार के अवसर भी प्रदान कर रहा हैं,
बल्कि निक्षय मित्र और इलाजरत व्यक्ति के बीच एक सहानुभूतिपूर्ण संबंध भी स्थापित करता है। पोषण संबंधी सहायता के अलावा, संस्था द्वारा रोगियों या उनके परिवार के सदस्यों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से रोज़गार के अवसर भी प्रदान कर रहा हैं, टीबी अभी भी गरीबी के अंतर्निहित मुद्दों से जुड़ा हुआ है, और इस बीमारी से जुड़ा कलंक प्रभावित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा देता है। समाज को हर वर्ग को इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।
 टीबी अभी भी गरीबी के अंतर्निहित मुद्दों से जुड़ा हुआ है, और इस बीमारी से जुड़ा कलंक प्रभावित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा देता है। समाज को हर वर्ग को इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।  ताकि हम लोग देश के प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त अभियान के लक्ष्य को पूरा कर सके।
ताकि हम लोग देश के प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त अभियान के लक्ष्य को पूरा कर सके।  इस अवसर पर संस्था के डॉ आलोक कुमार सिंह, डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिन्हा, राकेश कुमार सिंह, धर्मेंद्र रस्तोगी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीसी, एस टी एस, एस टी एल एस सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।
इस अवसर पर संस्था के डॉ आलोक कुमार सिंह, डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिन्हा, राकेश कुमार सिंह, धर्मेंद्र रस्तोगी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीसी, एस टी एस, एस टी एल एस सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।

 
									 
		 
		