जोखिम भरा रहा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सोमेन बर्मा का ढाई साल का कार्यकाल
मीडिया और जनता प्रति सुलभ कप्तान रहे श्री सोमेन बर्मा

ढाई साल पहले जून 2022 में एसपी रहे विपिन मिश्रा के डीआईजी बनने के बाद स्थानांतरण होने के बाद जिले की कमान संभालने वाले 2012 बैच के आईपीएस सोमेन बर्मा का कार्यकाल मुसीबतों भरा रहा।चार्ज लेते ही लंभुआ थाना क्षेत्र में हुई मां बेटी की हत्या के बाद से लगातार जिले की हर छोटी बड़ी घटनाओं के खुलासे में एसपी सोमेन बर्मा सफल रहे।
जिले में कई बड़ी से बड़ी घटनाएं इनके कार्यकाल में देखने को मिली।जिसमे प्रमुख रूप से वलीपुर में विसर्जन शोभा यात्रा में बवाल,2023 में चिकित्सक घनश्याम तिवारी हत्याकांड,शिक्षक सूर्य प्रकाश द्विवेदी आत्महत्या कांड, पीआरडी जवान पर जानलेवा हमला,सहित अगस्त 2024 में जिले में दिन दहाड़े सराफा व्यवसाई से डकैती कांड की धमक प्रदेश की राजनीति तक पहुंची।लेकिन अपने कुशल नेतृत्व के चलते एसपी सोमेन बर्मा ने सभी घटनाओं के खुलासे बखूबी किए।कोई भी बड़ी घटना ऐसी नही है जिसका कि आजतक खुलासा न हुआ हो।ये अपने मातहतों से काम लेने के लिए रात में 03 बजे तक खुद जग कर पूरे जिले की मॉनिटरिंग करते रहे।जिसके कारण हर घटनाओं के खुलासे में कामयाब रहे।जिले के ढाई साल के कार्यकाल में इनके द्वारा ट्रांसफर पोस्टिंग पर विश्वास न करते हुए तैनात कर्मचारी से ही कार्य लेना जरूरी समझा।इनकी नजर में जो कर्मचारी कार्य में लापरवाही करता मिला उसी का स्थानांतरण हुआ।एसपी सोमेन बर्मा जनता दर्शन में पहुंचने वाले फरियादियों की समस्या के निदान के लिए अधीनस्थ को फोन करके निर्देश देने के लिए जाने जाते थे।वही मीडिया से इनका जुड़ाव लगातार बना रहा है हर छोटी बड़ी घटनाओं पर मौके पर पहुंचने के साथ मीडिया से मिलने में कभी गुरेज नहीं किया।मीडिया को हर मामले में ब्रीफ करने में सदैव अग्रसर रहे।
तहसील क्राइम रिपोर्टर दधीचि विश्वकर्मा