*बीती रात कच्ची दीवार गिरने से दबकर 6 लोग हुए घायल एक की मौके पर हुई मृत्यु*

*बीती रात कच्ची दीवार गिरने से दबकर 6 लोग हुए घायल एक की मौके पर हुई मृत्यु*

अशोक कुमार वर्मा

*लम्भुआ सुल्तानपुर*

सुल्तानपुर जिले के तहसील अंतर्गत सोनवा गांव में हुआ बड़ा हादसा बिना किसी कारण कच्ची दीवार ढह गई रात्रि का समय लगभग 10:45 (छोटा टिकरान) जो सोनवा गांव का एक छोटा पूरवा है जिसमें निषाद बिरादरी की बस्ती है जो काली माता मंदिर से सटा हुआ है

गांव के शिव शंकर निषाद उम्र लगभग 48 वर्ष जिनके पिता का नाम राममूर्ति निषाद है शिव शंकर की पुत्री दर्पण जिसकी उम्र लगभग 10 वर्ष दीवार गिरने की वजह से तुरन्त मौके पर ही दम तोड़ दिया सुनील निषाद की पुत्री राधिका उम्र 8 वर्ष निवासी गलहिता अपनी मौसी के यहां आई थी जो घायल अवस्था में जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया था

जिसको हालत अच्छी न होने के कारण रेफर कर दिया गया था और मेडिकल कॉलेज में दौरान इलाज मौत हो गई वहीं शिव शंकर निषाद की जुड़वा पुत्री बबीना उम्र 17 वर्ष जिनकी पैर की हड्डी टूटने के कारण इनका भी इलाज लखनऊ मेडिकल कॉलेज मैं चल रहा है

और बबीना की बहन वीना घायल होने की वजह से इनका भी इलाज सुल्तानपुर जिला अस्पताल में चल रहा है घटना की सूचना पर तहसीलदार देवानंद तिवारी, कानूनगो और लेखपाल घटनास्थल पर गए और देखा की अत्यंत पात्र व्यक्ति को भी आज तक आवास नहीं मिल पाया सरकार के तमाम व्यवस्थाओं के बाद उसे गांव की तमाम पात्र व्यक्तियों को आज तक आवास नहीं मिल पाया जो घास फूस और मिट्टी के जर्जर घर में रहने के लिए मजबूर और बेवस लाचार हैं यूइस लाचारी वेबसी का शिकार यह परिवार दो जान गवा कर अपनी बेबसी पर बदहाली के आंसू बहा रहा है और रो रहा है दो बच्चे जिंदगी और मौत के बीच अब भी जूझ रहे हैं वही संबंधित ग्राम प्रधान ऐसे लाचार और गरीब परिवार को भी सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं इन गरीबों की याद तब आती है जब चुनाव का समय आता है प्रधानमंत्री का सपना की हर गरीब को 2022 तक पक्के मकान मिल जाएंगे गरीबों की बात तो छोड़िए अत्यंत गरीब असहाय लाचार को भी आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है ब्लॉक तहसील और जिले में बैठे अधिकारी कर्मचारी पता नहीं किस तरीके से सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों को दे रहे हैं यह एक सोचनी विषय है सरकार को चाहिए कि एक बार ग्राम सभा में जीरो ग्राउंड कर पात्र व्यक्तियों की सूची बनवाकर उन्हें आवास का लाभ दिलाया जाए नहीं तो बरसात के मौसम आते ही पता नहीं कितना परिवार और उनके बच्चे इसी तरीके से अपनी जान गवाते रहेंगे।

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