*बछुआर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्त हुए भावविभोर*
*कथावाचक पंडित धर्मराज तिवारी ने बताया—‘ईश्वर वही जो भक्तों के पाप हर लेता है’*
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*संवाद: शिवपूजन मिश्रा*

सिंगरामऊ क्षेत्र के बछुआर गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित धर्मराज तिवारी ने भक्तों को भक्ति और जीवन मूल्यों से ओतप्रोत प्रवचन सुनाकर भावविभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि “भक्तों के पापों का हरण करने वाला ही सच्चा ईश्वर है।”
कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने का वास्तविक लाभ तभी है जब श्रोता इसे अपने जीवन में उतारकर व्यवहार में लाएं। चौथे दिन कथा में भगवान श्रीहरि की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया।
पंडित तिवारी ने कपिल चरित्र, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, जड़भरत चरित्र, और नृसिंह अवतार जैसे प्रसंगों के माध्यम से बताया कि भगवान का नाम मात्र ही मनुष्य को भवसागर से पार कर देता है। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों को बंधनों से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करते हैं।
उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि वे भगवत कीर्तन करें, ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं। पंडित तिवारी ने कहा कि जीवन में चाहे कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आए, मनुष्य को अपने धर्म और संस्कारों का त्याग नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन धन्य है। भगवान ने अपनी विभिन्न लीलाओं के माध्यम से जो आदर्श प्रस्तुत किए हैं, उन्हें अपनाने से मनुष्य अपने कर्तव्य और जीवन मूल्यों को भली-भांति समझ सकता है।”
इस मौके पर मुख्य यजमान नरसिंह तिवारी, कृष्ण कुमार तिवारी, नेता तिवारी, शेषनाथ मिश्र, सुनील मिश्र, पवन दुबे, प्रिंस तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और कथा का रसपान किया।
