*पाकिस्तान और चीन से युद्ध लड़ने वाले फ्लाइट लेफ्टीनेंट का हुआ निधन*
अशोक कुमार वर्मा
*लम्भुआ सुल्तानपुर*
 
सेना की टीम के लोगों ने दिया गार्ड आफ जिले में एक परिवार ने आज जांबाज को खोया भदैंया के अभियाकला निवासी 98 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टीनेंट का शनिवार की सुबह निधन हो गया वह चीन और पाकिस्तान के युद्ध मे भारतीय सेना का हिस्सा थे तथा ट्रेनिंग के दौरान जहाज से गिरकर घायल हो गये थे। सेना के सिपाहियो ने उनको गार्ड आफ आनर की सलामी दी है।
भारतीय वायुसेना के जांबाज फ्लाइट लेफ्टीनेंट रामचंद्र त्रिपाठी का 98 वर्ष की उम्र मे शनिवार को निधन हो गया वह पत्नी पौत्र व प्रपौत्र को छोड़कर चिरनिद्रा मे लीन हुऐ है। रामचंद्र त्रिपाठी 26 जनवरी 1987 को फ्लाइट लेफ्टीनेंट के पद से सेवानिवृत्त हुऐ थे। रिटायरमेंट के 29 साल बाद वह 98 वर्ष की आयु मे शरीर त्यागे वह 1962 के चीन युद्ध और 1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध मे सम्मिलित हो चुके हैं। 1959 मे वह एयर फोर्स मे भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग के दौरान सेना की जहाज से तीस फिट नीचे गिर गये थे ।
 रिटायरमेंट के 29 साल बाद वह 98 वर्ष की आयु मे शरीर त्यागे वह 1962 के चीन युद्ध और 1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध मे सम्मिलित हो चुके हैं। 1959 मे वह एयर फोर्स मे भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग के दौरान सेना की जहाज से तीस फिट नीचे गिर गये थे ।  सैनिक के पौत्र अजय तिवारी ने बताया कि जहाज से गिरकर घायल होने के बाद आपरेशन कर इनके शरीर मे बंदर की हड्डियों को लगाया गया अपनी लम्बी आयु को जीवन जिते हुए उनके पुत्र की मृत्यु उनके सामने इसी वर्ष जुलाई माह में हुई थी
सैनिक के पौत्र अजय तिवारी ने बताया कि जहाज से गिरकर घायल होने के बाद आपरेशन कर इनके शरीर मे बंदर की हड्डियों को लगाया गया अपनी लम्बी आयु को जीवन जिते हुए उनके पुत्र की मृत्यु उनके सामने इसी वर्ष जुलाई माह में हुई थी तब से काफी गुमसुम रहने लगे थे शरीर त्यागने से पहले उनकी अंतिम इच्छा जहां से वह रिटायर हुए थे उनका अंतिम संस्कार करने की बात अपने पौत्र अजय तिवारी से कहा करते थे इस कारण उनका पार्थिव शरीर इलाहाबाद संगम पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया
 तब से काफी गुमसुम रहने लगे थे शरीर त्यागने से पहले उनकी अंतिम इच्छा जहां से वह रिटायर हुए थे उनका अंतिम संस्कार करने की बात अपने पौत्र अजय तिवारी से कहा करते थे इस कारण उनका पार्थिव शरीर इलाहाबाद संगम पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया

 
									 
		 
		 
		