*हरतालिका तीज पर शिव मंदिरों में भारी भीड़*
*हर तालिका तीज दांपत्य प्रेम और अखंड सौभाग्य का पर्व*
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*संवाद -शिवपूजन मिश्रा*
सिगरामऊ व आसपास के क्षेत्र में हरतालिका तीज के पावन पर्व पर सौभागिनी व कुंवारी कन्याओं की बाबा खंडेश्वर नाथ फिरोजपुर, सिगरामऊ राजघराने के गौरी शंकर धाम में भारी भीड़ देखी जा रही है।भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाने वाला हर तालिका तीज व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व रखता है। यह कठिन निर्जला उपवास विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए तथा अविवाहित कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए करती हैं।
*व्रत का महत्व*
पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती: यह व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम, विश्वास और स्थिरता लाता है।
*अखंड सौभाग्य की प्राप्ति:* सुहागिन महिलाओं को पति की दीर्घायु और सुखमय दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
*योग्य वर की प्राप्ति:* कन्याएं आदर्श जीवनसाथी की कामना के लिए यह व्रत करती हैं।यह व्रत आत्मशुद्धि, आत्मबल और मानसिक शांति प्रदान करता है।
*धार्मिक कथा*
पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने हेतु इसी दिन कठोर तपस्या की थी। उनकी निष्ठा और प्रेम से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसी घटना की स्मृति में यह व्रत आज भी श्रद्धापूर्वक किया जाता है।
*व्रत के नियम*
यह व्रत सबसे कठिन माने जाने वाले व्रतों में से एक है।
महिलाएं दिनभर बिना भोजन और पानी के निर्जला उपवास रखती हैं।
व्रत से एक दिन पूर्व नहाए-खाए की परंपरा निभाई जाती है।
व्रत संपन्न होने के बाद फलाहार से पारण किया जाता है।
यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि दांपत्य जीवन में प्रेम, समर्पण और निष्ठा का अद्वितीय संदेश भी देता है।