*प्रतापगढ़ में महिला कर्मी की मौत पर गुस्साई भीड़ ने पुलिस टीम पर किया पथराव क्षेत्राधिकारी का सर फटा*

*प्रतापगढ़ में महिला कर्मी की मौत पर गुस्साई भीड़ ने पुलिस टीम पर किया पथराव क्षेत्राधिकारी का सर फटा*

अनिल मिश्र

प्रतापगढ़ में निजी अस्पताल में महिला कर्मचारी की संदिग्ध हालत में मौत के बाद बवाल हो गया। गुस्साई भीड़ ने अस्पताल में जमकर तोड़-फोड़ की। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची तो भीड़ ने पथराव कर दिया।

जिसमें 12 पुलिस कर्मी चोटिल हो गए। क्षेत्राधिकारी का सिर फूट गया। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। भीड़ को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। फिलहाल, घटनास्थल पर तनाव है। भारी संख्या में फोर्स तैनात और ग्रामीण मौके पर मौजूद हैं।

*अब विस्तार से जानते हैं पूरा मामला*

रानीगंज थानांतर्गत भधारगंज की निवासी युवती (21) दुर्गागंज में सिंघाही मोड़ पर स्थित मां मल्टी स्पेशैलिटी अस्पताल में चार वर्ष से काम कर रही थी। मृतका की दिव्यांग और विधवा मां ने बताया कि बेटी गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे स्वस्थ हालत में अपनी साइकिल से ड्यूटी करने अस्पताल गई थी।रात करीब 8:30 बजे अस्पताल से फोन आया कि हॉस्पिटल आ जाओ। पहुंचने पर अस्पताल के कर्मचारी सुनील कुमार, विद्यासागर और शाहनवाज ने गेट पर ही रोक लिया। कहा-तुम्हारी बेटी की मौत हो गई। जब कारण पूछा तो तीनों सकपका गए।इसके बाद तीनों अस्पताल की एंबुलेंस से युवती के शव को उसे घर लेकर पहुंचे। आरोपी शव को घर के सामने छोड़कर भागने ही वाले थे कि तभी ग्रामीणों ने पकड़ लिया। मां ने बताया- जब हम लोगों ने शव को देखा तो उसके शरीर के निचले हिस्से के कपड़े गायब थे और शरीर पर कई जगहों पर गंभीर चोट के निशान थे।डॉक्टर समेत 6 लोगों पर रेप कर हत्या करने का आरोप लगाया।मृतका की मां ने बताया कि घटना की रात ही हम लोगों ने अस्पताल के एक डॉक्टर समेत 6 कर्मचारियों के खिलाफ रेप कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत पुलिस को दी थी। इनमें डॉ. अमित पांडेय के अलावा सुनील कुमार, विद्यासागर, शाहबाज, मनोरमा देवी (दाई) और हॉस्पिटल के मालिक (अज्ञात) के नाम शामिल हैं।

*पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप*

परिजनों का आरोप है कि तहरीर देने के बाद भी पुलिस की ओर से तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण परिजनों ने शुक्रवार सुबह 9:00 बजे ही अस्पताल पर धावा बोल दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ने का प्रयास किया। जिस पर ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया।

*विधायक और सीओ में बहस*

इधर लाठीचार्ज की सूचना मिलने पर रानीगंज से सपा विधायक आरके वर्मा मौके पर पहुंचे। उनकी एएसपी दुर्गेश कुमार सिंह, रानीगंज सीओ विनय प्रभाकर साहनी और कोतवाल आदित्य सिंह से तीखी नोंक-झोंक हो गई। विधायक ने पूछा-किन परिस्थितियों में ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया और वह भी किसके आदेश से। इसपर पुलिस अधिकारियों ने कहा- अगर कार्रवाई नहीं की जाती तो ग्रामीण पूरे अस्पताल को तहस-नहस कर देते और हिंसा पर उतर आते।

*अब तक शव नहीं ले जा सकी पुलिस*

परिजन कोमल के शव को अस्पताल के सामने ही रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने का प्रयास कर रही है। पर अब तक पुलिस शव को कब्जे में नहीं ले सकी है। परिवार और ग्रामीणों की मांग है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही शव पुलिस को सौंपा जाएगा। परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है।

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