*कभी मायूस तो कभी चहके धनंजय सिंह के समर्थक, पल पल बदलती रही जिले की सियासी माहौल*

*कभी मायूस तो कभी चहके धनंजय सिंह के समर्थक, पल पल बदलती रही जिले की सियासी माहौल*

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*माता चरण पांडे*

*संवाददाता तीखी आवाज 24.com मछली शहर*

 

जौनपुर। शनिवार का पूरा दिन धनंजय सिंह और जिले की सियासत के ईदगिर्द घुमता रहा है। अपहरण रंगदारी मांगने के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट से सात वर्ष की सजा पाये पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सूबह करीब साढ़े आठ बजे जौनपुर जेल से बरेली जेल भेज दिया गया। यह खबर मिलते ही धनंजय सिंह के समर्थको में मायूसी छा गयी उधर लोकसभा के चुनावी माहौल का पारा भी चढ़ गया। लेकिन ठीक चार बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट से धनंजय सिंह को जमनत मिलते ही समर्थकों के मुरझाएं चेहरे अचानक चमक उठे लेकिन पूर्व सांसद के चुनाव लड़ने की छूट न मिलने की कसक समर्थको के दिलों कसोट रही है।

यह गुड न्यूज मिलने के बाद एक बजे उनकी पत्नी श्रीकला सिंह ने एक प्रेसकांफ्रेस में हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। उन्होने धनंजय सिंह के जानी दुश्मन से अपनी मांग की सिन्दूर और मंगलसूत्र पर खतरा बतायी। उन्होने साफ कहा कि जो व्यक्ति मेरे पति पर ए के 47 से जान लेवा हमला किया था वह अब सरकार के पाले में खड़ा है। वह मेरे पति और मेरी हत्या करवा सकता है। पूरे घटनाक्रम से जिले की राजनीति में पल पल उछाल आता रहा है। धनंजय सिंह को जमानत मिलने के बाद राजनीतिक गलियारें में चर्चा होने लगी कि जेल से बाहर आने के बाद वे अपनी पत्नी की चुनाव प्रचार की कमान सम्भाल लेगें। जिसका असर सीधे बीजेपी प्रत्याशी पर पड़ेगा।

 

मालूम हो कि पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी कर लिया था। इसी बीच नमामिगंगे योजना के प्रोजक्ट मैनेजर अभिनव सिंह सिंघल के अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में 5 मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया तथा छह मार्च को सात वर्ष की सजा सुनाया। धनंजय को सजा मिलने के बाद चुनाव लड़ने का उनका सपना चकनाचूर हो गया। उनके समर्थक मायूस हो गये। जेल जाने के बाद पूर्व सांसद ने अपनी राजनीति की बागडोर पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला सिंह को थमा दिया। बसपा सुर्पीमों मायावती ने उन्हे अपना प्रत्याशी बना दी। बसपा का टिकट मिलने के बाद जहां धनंजय सिंह के समर्थको में खुशी की लहर दौड़ पड़ी वह सुस्त पड़े बीएसपी के नेताओं कार्यकर्ताओं के चेहरे चमक उठे। श्रीकला पूरी ताकत से चुनाव प्रचार कर रही थी। इसी बीच शनिवार की सुबह अचानक धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से बरेली जेल भेज दिया गया। यह खबर मिलते ही धनंजय सिंह के समर्थक मायूस हो गये। चुनाव प्रचार अचानक थम सा गया। लेकिन ठीक चार घंटे बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत मिलने की खबर आयी तो मायूस हुए समर्थको के चेहरे खिल गये।

 

दिन में करीब एक बजे उनकी पत्नी श्रीकला सिंह ने एक पत्रकारवार्ता बुलायी। उन्होने पत्रकारोें से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि आज मैं और हमारा परिवार संकट की घड़ी से गुजर रहा है। ऐसे में जनता के आर्शीवाद की सख्त जरूरत है। उन्होने बताया कि मेरा चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा था जन समर्थन मिलने के कारण विपक्षी दलों के लोग घबरा गये है जिसके कारण सत्ता पक्ष के लोगों ने वगैर किसी कारण के धनंजय सिंह का जेल ट्रांसफर करवा दिया। लेकिन माननीय हाईकोर्ट ने मेरे पति को जमानत दे दिया है। मुझे अदालत और जनता की अदालत पर पूरा भरोसा है।

 

श्रीकला ने अपने पति के जानी दुश्मन फैजाबाद के विधायक अभय सिंह का नाम लिए वगैर कहा कि जो व्यक्ति धनंजय सिंह के ऊपर एके 47 राईफल से हमला करके जानलेवा हमला किया था वह मेरे पति और मेरी हत्या भी करवा सकता है।

 

इन तीनों घटनाक्रम से जिले की राजनीति भी गर्म होती रही है। जेल ट्रांसफर के बाद लोगो में चर्चा थी कि अब बसपा प्रत्याशी को चुनाव प्रचार काफी दिक्कते आयेगी श्रीकला कमजोर हो जायेगी। लेकिन दोपहर 12 बजे हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद चर्चा होने लगी कि धनंजय सिंह जेल से बाहर आते ही चुनाव की बागडोर सम्भालकर राजनीतिक गलियारे में तुफान मचायेगें।

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