*चिकित्सक घनश्याम तिवारी की निर्मम हत्या से जन आक्रोश*

*चिकित्सक घनश्याम तिवारी की निर्मम हत्या से जन आक्रोश*

*लम्भुआ सुल्तानपुर*

चुनाव के समय जी बुलडोजर का प्रचार प्रसार बड़े पैमाने पर किया गया था आज वही जिले के शिक्षा अधिकारी पर हमलावरों ने बड़ी बेरहमी से डेढ़ घंटे तक अप्रत्याशी तरीके से मारा पीटा और शासन प्रशासन को खुला चैलेंज दिखाई दिया जिसकी कल्पना करने से रूप कांपती हो वह चिकित्सा अधिकारी कोई और नहीं जयसिंहपुर में तैनात घनश्याम तिवारी के साथ क्रूरता पूर्वक 2 घंटे तक मारपीट की और पैर में ड्रिल मशीन से छेद कर दिया गया मरणासन अवस्था में होने के बावजूद उनके शरीर को ई रिक्शा पर लादकर उनके घर भेज दिया गया

उन्होंने अपनी पत्नी को जिला अस्पताल लाते समय अपने ऊपर हुए हमले की आप बीती बताई श्रीमती निशा तिवारी ने अपने परिवार जो लम्भुआ क्षेत्र के सखौली गांव में निवास करता है

जरिया दूरभाष घटना की जानकारी दी गांव में रहने वाले डॉक्टर साहब के छोटे भाई आनन फानन जिला अस्पताल पहुंचे तब तक डॉक्टर साहब की मृत्यु हो चुकी थी इस घटना में जिक्र करने की आवश्यकता इस प्रकार है एक बेटा जिसकी उम्र लगभग 10 वर्ष है और दुखद बात यह है कि उनकी पत्नी निशा वर्तमान समय में 4 माह गर्भधारण की स्थिति में है मौके पर जिला अध्यक्ष डॉ वर्मा, पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी भी जिला अस्पताल पहुंचकर पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा को जरिये दूरभाष बताया आनन फानन में पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे तब जाकर पुलिस हरकत में आई। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया दिनांक 24 सितंबर को पोस्टमार्टम के बाद परिजन लाश को लेकर अपने पैतृक निवास सखौलीलेकर पहुँचे ग्रामीण और शोकाकुल परिवार और क्षेत्रीय ब्राह्मण समाज के नेताओं ने अन्तिम संस्कार के लिए मना कर दिया क्षेत्रीय विधायक के सुपुत्र पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल पंकज कुमार वर्मा क्षेत्रीय भ्रमण दौरे पर थे और माननीय विधायक सीताराम वर्मा लखनऊ होने के कारण पहुंचने में बिलम्ब हुआ वह भी पीड़ित के दरवाजे पर लगभग 6:30 घंटे बैठकर शासन प्रशासन के लोगों से संपर्क करने का प्रयास करते रहे वहां की क्षेत्रीय जनता ने विधायक को भला बुरा कहा विधायक इस गुस्से को बड़ी नजदीकी से समझ रहे थे और उन्होंने यह भी कहा कि जनता का गुस्सा जायज है। वही यह भी बताना आवश्यक हो गया है कि पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी लम्भुआ पहुंचकर GSR रेस्टोरेंट के समीप पहुंच कर शासन के जबाब का इंतजार करते रहे जब शासन ने कुछ घोषणा करने की गाइडलाइन दी तब इन लोगों ने सखौली गांव जाने का निर्णय किया और 9:30 बजे पहुंच कर मन मनअउल की स्थिति शुरू हुई परिजनों में देर रात से दाह संस्कार करने से मना कर दिया और प्रातः दाह संस्कार करने का निर्णय लिए प्रातः पुनः पूर्व विधायक देवमणि, वर्तमान विधायक सीताराम वर्मा, विधायक जयसिंहपुर राज बाबू उपाध्याय, अपने साथियों सहयोगियों के साथ सखौली गांव पहुंचे वहीं पुलिस भी अपनी ड्यूटी को पूरी रात मुस्तैदी से किया। उप जिलाधिकारी लम्भुआ, उप जिलाधिकारी जयसिंहपुर, उप जिलाधिकारी सदर, और तमाम राजस्व के लेखपाल भी डटे रहे मुख़ागनी देने के बाद सभी अधिकारियों ने राहत की सांस ली और एक-एक कर वहाँ से निकल गए। वहीं सपा के पूर्व विधायक संतोष पांडे भी अन्तिम क्रिया में शामिल होते हुए परिजनों को अशास्त किया यह ब्राह्मण समाज आपके साथ है और रहेगा वहीं कोतवाली प्रभारी शिवाकांत,क्षेत्राधिकार लम्भुआ भी अन्तिम छण तक अपने मातहत कर्मचारियों के साथ डटे रहे।

*वहीं जनता के कुछ सवाल*
*सीएम साहब, जिले की जनता पूँछ रही हैं? अभी और कितनी हत्याओं के बाद हटेंगें, नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय व एसडीएम सदर चन्द्र प्रकाश पाठक*
*योगी जी, जिलें में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व सत्ताधारियों की गठजोड़ से ही पैदा हो रहें जिले में नित नयें भूमाफिया।*
*सीएम साहब, क्या भाजपाराज में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व सत्ताधारी का क्या वाकई है अपराधियों व भूमाफियों पर सर-परस्ती।*
*क्या अपराधी इतनें बेखौफ है, कि लोगों को अधमरा कर, या उनकी हत्या कर बाडी को उसके घर तक भेंज रहें है, पुलिस बनी तमाशबीन।*
*ताज्जुब है, कि बेखौफ़ अपराधियों द्वारा चौकी से मात्र 50 मीटर की दूरी पर घटना क़ो अंजाम दिया जाता है, और जिलें के कप्तान को 2 घंटे तक घटना की सूचना तक नही होती।*
*सत्ता भ दिए जाने के मामले में भी नगर कोतवाली मे अफसोंस अपनी आदतों से मजबूर नगर कोतवाली पुलिस सेटिंग-गेटिंग कर पल्ला झाड़ लिया। उक्त केस में आज तक न पुलिस का अमला आरोपियों का पता नहीं लगा सका।*
*पत्रकार विक्रम सिंह के शास्त्रीनगर चौकी क्षेत्रांतर्गत दरियापुर स्थित मकान की बाउंड्रीवाल दिनदहाड़े नगर पुलिस से सेटिंग-गेटिंग कर भूमाफियाओं ने दर्जनों अराजकतत्वों को लेकर ढहवाने का प्रयास किया गया। नामजद केस भी कोतवाली नगर में दर्ज हुआ दो सालों के अन्दर शहर में जगह-जगह नजूल जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे, बिना नकशा – नजरी महज सुविधा-शुल्क पर हो रहे अवैध निर्माण की बढ़ती वारदातें, और प्रापर्टी डीलरों के नए-नए कारनामंे नित सामने आते रहते है। जिसमें पीड़ित पक्ष पुलिस से लेकर राजस्व तक की पैरवी करनें में अपनी चप्पलें तक घिसा देता है, बावजूद उसके गांधी की चमक के आगे पीड़ितों के बजाय हमेशा आरोपियों के प्रति कोतवाली नगर पुलिस व राजस्व विभाग सर्पोट करता हुआ नजर आया है।*
*नगर कोतवाली के अन्तर्गत पुलिस चौकीं इंचार्ज अमहट रामेन्द्र वर्मा भी नगर कोतवाल से किसी मायनें में कम नही दिखाई पड़तें। रामेन्द्र वर्मा कप्तान सोमेन वर्मा के सरनेम का भी लाभ ले रहे है। इनकी खासियत यह है कि अगर इनके द्वारा मांगा गया सुविधा-शुल्क देने के लिए अगर आपके पास हैं, तो ये 302/376/107/452 सीआरपीसी जैसी गम्भीर धाराओं को भी 151 की धारा में तब्दील करने का हुनर रखतें है, तभी तो सैकड़ों शिकायतों के बावजूद भी जिलें में दर्जनों बार कप्तान सोमेन वर्मा का तबादला इंजन चला, लेकिन इनकी बोगी जहां की तहां खड़ी रही।*

यह तो महज एक उदाहरण है, अगर महज 1 सालों का ही रिकार्ड खंगाला जाय, तो ऐसी सैकड़ों वारदातें आपकों नगर कोतवाली के रिकार्ड बुक में ही मिल जायेगी।

*मीडिया से मुखातिब जिलाधिकारी ने कहा, कि भूमाफियाओं के चिन्हीकरण के लिए विशेष अभियान चलेगा, उन्होनें कहा कि एसडीएम को लगाकर सरकारी और दूसरों की भूमि हड़पनें वालें भूमाफिया सूची में दर्ज किये जायेगें।*
*सूत्रों की अगर मानें तो या तो डीएम साहिबा को मालूम ही नही है, या फिर मीडिया के सामनें कुर्सी बचानें के लिए अपनी जुबां को खोलनें व अपनें विभाग की कमियों को बताने से बच रही है, कि सबसें बड़ें भूमाफिया तो जिला प्रषासन के विभाग में ही मौजूद है।*
*मीडिया से मुखातिब होते हुए एसपी सोमेन वर्मा ने कहा कि मृतक चिकित्सक के परिजनों द्वारा दी गयी तहरीर पर कुछ नामजद व कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है,ं कई टीमें गिरफ्तारी के लिए लगाई गयी है, जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी होगी।*

जिलें की जनता इस खबर के माध्यम से अपनें जिलें के कप्तान सोमेन वर्मा से जानना चाह रही है कि इससें पहलें भी जिलें में आपके ही शासनकाल में नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय की निगरानी में जिलें के अपराधियों व भूमाफियाओं द्वारा दर्जनों गम्भीर घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। जिसमें नामजद व अज्ञात कोतवाली नगर में मुकदमा भी पंजीकृत हुआ है। उसमें कार्यवाही व आरोपियों की गिरफ्तारी करने के बजाय आपके अधीनस्थों द्वारा उन्हें अभयदान क्यों दिया गया? अभी तक पुलिस के हाथ ऐसें अपराधियों के गिरेहबान तक क्यों नही
जहां पहुंचकर परिजन जिलें के उच्चाधिकारियों को सूचना दी, कि जब तक मुख्यमंत्री नही आतें, तबतक अंतिम संस्कार नही किया जायेगा। जिसकी वजह से जिला प्रशासन व पुलिस प्रषासन के हाथ-पांव फूल गये है। जिलाधिकारी जसजीत कौर व पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा के निर्देश पर खबर लिखें जानें तक सीओं सिटी, सीओं लम्भुआ व एसडीएम मौकें पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंच परिजनों को मनानें में जी-जान से जुटे हुए है।
जिलें में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व सत्ताधारियों के गठजोड़ से निरन्तर पैदा हो रहें भूमाफियाओं व अपराधियों पर जिलें के सत्ताधारियों व जिलें के उच्चाधिकारियों व उनके अधी नस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यषैली को देखते हुए जिले की पीड़ित व निम्न वर्ग की आम जनता अपनें मुख्यमंत्री गोरक्षा पीठाधीशवर योगी आदित्यनाथ महराज से यह जानना चाह रही है, कि जिले में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व सत्ताधारियों के गठजोड़ से जिलें में पैदा हुए भूमाफिया जिलें में अभी और कितनी जानें लेगें। जिलें की जनता इस खबर के जरियें मुख्यमंत्री योगी जी को आगाह कर रही है कि यदि तत्काल प्रभाव से ऐसें भ्रष्ट अधिकारियों व उनके अधीनस्थों पर योगी जी का चाबुक न चला तो मिशन 2017 में भाजपा ने सुलतानपुर विधानसभा में सिर्फ एक ही सीट से हाथ धोया था, कहीं ऐसा न हो कि अगामी मिशन 2024 में भाजपा को ऐसें कर्णधार कहारों के चलतें पूरी लोकसभा की सींट से ही हाथ धोना पड़ें।
*घटना की निगहबानी में जुटें आईजी जोन*
सरेआम एमबीबीएस डाक्टर की पीट- पीटकर हुई हत्या के बाद पुलिस महा निरीक्षक अयोध्या जोन प्रवीण कुमार तिवारी पूरें मामलें पर लगातार निगाह बनाये हुए है। रविवार दोपहर बाद आईजी ने जिलें में पहुंचकर कानून व्यवस्था की निगरानी के साथ ही नगर कोतवाल के ऊपर लगाये जा रहे आरोपों की जांच किये जानें की बात कही। अब देखना यह है कि योगी राज के ये आईजी जोन पीड़ितों के साथ न्याय करते हुए दोषी अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही करते है, या फिर अपनें विभाग के अधीनस्थों की तरह उन्हें अभयदान देतें है। फिलहाल ये तो वक्त बतायेगा।

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