*अज्ञात कारणों से लगी आग*

*अज्ञात कारणों से लगी आग*

अशोक वर्मा (लम्भुआ) सुल्तानपुर

लम्भुआ तहसील अंतर्गत लगी आग अज्ञात कारण से मौके पर ग्रामीण घर पर मौजूद नहीं थे लगभग 1:45 पर आग लगी रमजान सुत खेदु वाह उनके भाई इदरीश निवासी शिवलाल मिश्र का पूरा(नटौलिया) चौकिया क़ी पशुशाला में लगी अज्ञात कारणों से आग महिलाओं और बच्चों ने मिलकर आग को बुझाया और जानवरों का रस्सी पगाहा काटते हुए जानवरों को बचाने का खूब प्रयास किया आग की तेज़ लपटों के कारण बंधे हुए जानवर झुलस गए जिनकी हालत नाजुक बनी हुई है। ग्रामीणों द्वारा अग्निशमन को भी फोन किया गया और 1912 को भी सहायता के लिए फोन किया गया परंतु कोई उपलब्ध नहीं हुआ कौन से जानवर तड़पने को मजबूर रहे सरकार की सभी सुविधाएं उढ़ के ढक्कन जैसी दिखी 1076 में भी कॉल की गई परंतु कोई रिस्पांस नहीं मिला 1076 ने भी 112 को मिलाने का प्रयास किया लेकिन उनकी भी कॉल कनेक्ट नहीं हो सकी। उपजिलाधिकारी को भी जरिए दूरभाष सूचित किया गया डेढ़ घंटे बाद लेखपाल और कानूनगो पहुंचे फोटो खींचा खानापूर्ति की और प्रधान प्रतिनिधि भी पहुंचे और उसके 1 घंटे बाद थाना लम्भुआ की पुलिस भी पहुंची। सरकार तो खूब अमली जामा पहनाना चाहती है परन्तु मातहतों के कारण कोई भी सुविधा मिल पाना संभव नहीं हो पा रही है।
बड़े मजे की बात है कि सामाजिक संगठन स्पेशल युवा एंटी करप्शन टीम के सलाहकार के द्वारा भी माननीय जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी को कई बार लिखित भी बताया गया विधायक के संज्ञान में भी लाया गया माननीय विधायक जी द्वारा CO अग्निशमन से बात की गई अग्निशमन अधिकारी ने यह बताया कि जनपद में ड्राइवर ना होने के नाते अग्निशमन की गाड़ी आपको उपलब्ध नहीं हो सकती है। कमोबेश हर विभाग में अधिकारी मस्त हैं और सभी अपने विभाग के राजा हैं अधिकारियों का प्रजा से क्या लेना देना जनता कुछ भी कहे इनको किसी की बात नहीं सुनना है दोनों कान में तेल डालना रुई लगाना येन की पुरानी आदत बन चुका है। संगठन के अध्यक्ष राममणि तिवारी से वार्ता के क्रम जिलाधिकारी को भी बताया गया था और लिखित भी सौंपा गया था यह समस्या किसी एक व्यक्ति की नहीं है बल्कि आम जनता की है। जिलाधिकारी व विधायक दोनों लोगों को गुमराह किया गया जिले में ड्राइवर ही नहीं है जबकि परंपरागत रूप से विगत 20 वर्षों से अग्निशमन वाहन थाना क्षेत्र में खड़ा रहता था और सीजन समाप्त होने के बाद सुल्तानपुर जनपद वापस चला जाया करता था।

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