अधिशासी अभियंता के घोटाले की जाँच कर रहा अधीनस्थ बाबू, अपने साहब को दिया क्लीन चिट

*अधिशासी अभियंता के घोटाले की जाँच कर रहा अधीनस्थ बाबू, अपने साहब को दिया क्लीन चिट*

*ऊर्जा मंत्री के ज़िले में अधिशासी अभियंता मछलीशहर पर लगे घोटाले के आरोप*

*आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों के फर्जी समाधान से उठ रहा लोगों का विश्वास*

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*संवाद: माता चरण पांडे*

जौनपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु शुरू की गई मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बरती जा रही उदासीनता के कारण अपनी उपयोगिता से लगभग भटक गई है।आलम यह है कि उच्च अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज कराई गई शिकायतों की जांच उनके अधीनस्थों को सौंप दी जाती है। जिनकी जांच रिपोर्ट और फर्जी समाधान से लोगों का विश्वास उठ रहा है। ऐसा ही एक मामला मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) पर अधिशासी अभियंता विद्युत मछलीशहर राजन कुमार के विरुद्ध दर्ज कराई गई शिकायत में सामने आया है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई उक्त शिकायत की जांच की जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता विद्युत मछलीशहर राजन कुमार द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यकारी सहायक नरेंद्र सरोज को सौंपी गई। अपने ही उच्च अधिकारी के विरुद्ध दर्ज कराई गई शिकायत की जांच अधीनस्थ अधिकारी कितनी निष्पक्षता से करेंगे सहज अनुमान लगाया जा सकता है ,और हुआ भी ऐसा ही। बताया जाता है कि जांच अधिकारी कार्यकारी सहायक नरेंद्र सरोज ने अपने ही उच्च अधिकारी के विरुद्ध दर्ज कराई गई शिकायत के साथ संलग्न साक्ष्यों को दरकिनार करते हुए आरोपों को निराधार बताकर समस्या का समाधान कर दिया गया । फिलहाल सवाल तो यह भी उठता है कि अपने उच्च अधिकारी के विरुद्ध की गई शिकायत की जांच में जांच अधिकारी दोषी भी करार दे तो कैसे। उसे भी तो उसी अधिकारी के अधीनस्थ नौकरी भी करनी है। बताते चलें कि मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र के धौरहरा गाँव निवासी पवन कुमार द्वारा मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार , उर्जा मंत्री, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन,प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन,प्रबंध निदेशक वाराणसी मंडल, मुख्य अभियंता विद्युत वितरण वाराणसी के साथ ही मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) के शिकायत संख्या 40019425068966 पर दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि अधिशासी अभियंता विद्युत मछलीशहर राजन कुमार द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को बहला फुसलाकर उनके बकाए लगभग एक लाख के विद्युत बिल की आधी धनराशि लेकर बिना कोई रसीद दिए ही उनके बकाए विद्युत बिल में पांच – छः जमा कर उनके विद्युत कनेक्शन बंद कर दिया जाता है।जब उपभोक्ता रसीद की मांग करता है तो उसे दूसरा विद्युत कनेक्शन लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। पवन ने एक सूची संलग्न करते हुए बताया है कि क्षेत्र के सतहरिया निवासी बेचन जायसवाल के विद्युत कनेक्शन संख्या 9286321100, हिम्मत पुर पंवारा निवासी गंगादीन तिवारी के विद्युत कनेक्शन संख्या 4662881100, रामनगर गांव निवासी मो निसाद के विद्युत कनेक्शन संख्या 8552869000, नगर के मोहल्ला दरजियान निवासी नुरूल हसन के विद्युत कनेक्शन संख्या 1301271100, कन्हैया लाल के विद्युत कनेक्शन संख्या 845492800 के विद्युत कनेक्शन के लाखों के बकाए में मोटी रकम वसूल कर उनके विद्युत कनेक्शन को पी केस कर दिया गया ।जबकि दिनेश कुमार के विद्युत कनेक्शन संख्या 9808688000, मुमताज के विद्युत कनेक्शन संख्या 8945596104 व बदरू निषाद के विद्युत कनेक्शन संख्या 3421461100 को विल मोटी रकम वसूल रीविजन किया गया। जिससे विद्युत विभाग को करोड़ों की राजस्व क्षति पहुंची। शिकायत कर्ता ने अधिशासी अभियंता विद्युत मछली शहर राजन कुमार की आईडी की जांच कराने की मांग उठाई है। जिसकी जांच आख्या में जांच अधिकारी कार्यकारी सहायक नरेंद्र सरोज ने शिकायत को सिरे से खारिज कर शिकायत का निस्तारण करने की अपील करते हुए हुए अपनी जांच आख्या प्रस्तुत कर दिया। जिसे लेकर लोगों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। अधिशासी अभियंता विद्युत मछली शहर राजन कुमार पर लगाये गये आरोप सही हैं अथवा दुर्भावना से प्रेरित होकर आरोप लगाये गये हैं।इसकी सत्यता तो जांचोपरांत ही सामने आयेगी । जिसे विभागीय अधिकारियों को सक्षम अधिकारी से कराना होगा। फिलहाल इस मामले को लेकर लोगों में तरह तरह की जहां चर्चाएं शुरू हो गई है वहीं दूसरी ओर आईजीआरएस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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