लम्भुआ नगर पंचायत में जाम लगने का बड़ा कारण खुद नगर पंचायत अधिकारी है

*लम्भुआ नगर पंचायत में जाम लगने का बड़ा कारण खुद नगर पंचायत अधिकारी है*

 

अशोक कुमार वर्मा

*लम्भुआ सुल्तानपुर*

 

सुल्तानपुर जनपद की लम्भुआ नगर पंचायत में आये दिन जाम लगता रहता है कारण ऑटो, और बैटरी रिक्शा ही मैने जाते है जब की टैक्सी स्टैंड ना होना है लेकिन नगर पंचायत द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती जहिर सी बात है अध्यक्ष वोट की राजनीती करते है।

*दुकानदार भी है बड़ा कारण-* ग्राम पंचायत थी लम्भुआ पुलिस मार्किट में जाम लगने से परेशान होने के बाद प्रसाशनिक अधिकारियो से वार्तालाप करते हुए एक व्यवस्था बनाई सभी दूकाने सडक किनारे बनी नाली के उस पार लगेंगी और फुट बाथ खाली रहेगा जिसपर सामान लेने वाले अपनी गाड़ी खड़ी करते हुए सामान ले सकेंगे और सड़को पर जाम नहीं लगेगा हुआ भी ऐसे दुकाने नाली के अंदर लगने लगी लेकिन नगर पंचायत होते होते वोट की राजनीती चलने लगी दुकाने सडक से सटकर ग्राहक सडक पर और जाम अपार नहीं नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी से कोई मतलब और नगर पंचायत अध्यक्ष का तो कोई जवाब ही नही,उनको इससे कोई मतलब नहीं की कहा जाम लगरहा है कहा नहीं।

*बड़ी गाड़िया आढ़तीयों भी है जिम्मेवार-* वैसे तो नगर पंचायत लम्भुआ में बाईपास के दोनों तरफ बोर्ड लगा है की भारी वाहन सुबह नौ बजे से रात्रि आठ बजे तक मार्किट में नहीं जा सकती नियम का पालन ना करने से पर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी लेकिन दिन भर दियरा रोड पर नगर पंचायत कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर ही 70% रोड पर भारी वाहन खड़ी करके आढ़त पर जाम लगाते है उसी रास्ते से अधिशाषी अधिकारी के साथ साथ उसी रास्ते पर कभी कभी अध्यक्ष नगर पंचायत भी जाते है लेकिन जैसे लम्भुआ नगर पंचायत में उन्हें छुट्टा जानवर नहीं दीखते वैसे ही यहाँ लगी जाम से भी इन्हे कोई मतलब नहीं रहता सर्वोदय रोड के बगल सब्जी की अढ़ात है और उसी से सटे रामप्रसाद की कबाड़ की अढ़ात है आये दिन सुबह से ले कर रात तक वहाँ लोगो के साथ साथ स्कूली बच्चो को और बच्चियों को भी जाम का दंस झेलना पड़ता है।

*मरीजों की जान जाने का भी होता है खतरा-* किसी दुर्घटना या डिलवरी या आकस्मिक घटना से एम्बुलेंस मरीजों को लेकर जब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लम्भुआ आती है या यहाँ से रिफर होने की दशा में जिला चिकित्सालय सुल्तानपुर जाना होता है तो घंटो जाम की वजह से बहुत देर से मरीजों को इमरजेंसी सेवा मिल पाती है कभी कभी तो मरीजों की जान भी चली जाती है फिर भी हमारे अधिशाषी अधिकारी और अध्यक्ष नगर पंचायत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

*क्या कहते है अधिशाषी अधिकारी लम्भुआ-* इओ नगर पंचायत लम्भुआ से फ़ोन पर बात हुई तो उन्होंने बताया की हमने दोनों तरफ बाईपास के गेट पर लगवा दिया है सुबह छः बजे से रात्रि दस बजे तक कोई भी भारी वहां प्रवेश वर्जित है सडक किनारे दुकानदारो द्वारा सडक तक दुकानदार लगया जा रहा है हमने दोनों कार्य के लिए लम्भुआ कोतवाली और उपजिलाधिकारी लम्भुआ को पत्र लिखा लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला हम सिर्फ नियम लगा सकते है है लेकिन दोनों बाईपास के पास यदि पुलिस नहीं रोकेगी या भारी वाहनो पर कोई कार्यवाही चालान वगैरह नहीं करेंगी तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे, और दुकानदारो को कई बार हिदायत दी गई लाल निशान मारा गया लेकिन कोई मानने के लिए तैयार नहीं है हमें पुलिस से और उपजिलाधिकारी से सहयोग प्राप्त होगा तभी कुछ कर पाएंगे।

*क्षेत्राधिकारी लम्भुआ का कहना-* क्षेत्राधिकारी लम्भुआ को लगभग शाम को 6:23 पर सीयूजी पर फोन किया गया लेकिन फोन नहीं उठा।

*उपजिलाधिकारी का जवाब-* शाम 6:36 पर सीयूजी पर फोन किया गया नम्बर बंद रहा सूत्रों की माने तो वो छुट्टी पर गई है।

आप जनता की माने तो वो हर पल इस जाम से निजात पाने की सोच रहा है यदि किसी मरीज को लम्भुआ हॉस्पिटल दवा लेने जाना है तो वो भरसक प्रयास करके भी जाम में फसने की वजह से आधे से एक घंटे लग जाते है अगर कोई इमरजेंसी है तो उसकी मौत के भी कारण यही लोग बनेंगे बस नगर पंचायत पुलिस और प्रसाशनिक अधिकारीयों को आगे करते हुए रोना रोए जा रही है अब देखना है की लम्भुआ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक और तेज तर्रार जनता की प्रिय उपजिलाधिकारी लम्भुआ का इस पर क्या एक्शन होता है।

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