*रोड डायवर्जन बनी दुर्घटना का कारण*

*रोड डायवर्जन बनी दुर्घटना का कारण*

अशोक कुमार वर्मा

लम्भुआ सुल्तानपुर

प्रदेश के किसी भी हिस्से मे कही भी कोई नेता मंत्री का भव्य कार्यक्रम होता है तो सुल्तानपुर जिले से आने जाने वाले सभी रूट का डायवर्ट कर दिया जाता है इससे आने जाने वाले लोग खास समस्या भी होती है लोगों को जाम से जूझना पड़ता है

लेकिन इससे शासन प्रशासन को कोई मतलब नहीं रह जाता उन्हें तो मात्र वी वीआईपी को सुरक्षा व्यवस्था देना उनका रोड व्यस्त ना हो मात्र इसका ही ख्याल रहता है जबकि उन नेताओं और मंत्रियों का चुनाव भी आम जनता ही करती है रूट डायवर्जन की वजह से बहुत सारी समस्याओं को झेलना पड़ता है कभी-कभी सड़क पर चलने वाले वाहनों को आम जनमानस को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है रात्रि से ही रूट का डायवर्सन किया गया जिससे नेशनल हाईवे 731 पर डी हाईवे एक्सप्रेसवे लम्भुआ होटल के पास एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गई किसी तरीके से चालक व परिचालक अपनी जान बचा सके ऐसे ही आए दिन दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है वैसे भी लगभग 3 वर्ष से बैतीकला टोल प्लाजा पर टोल की वसूली हो रही है जबकि पखरौली रेलवे ओवर ब्रिज न बनने की वजह से भारी जाम का सामना करना पड़ता है समय का बचाव भी नहीं हो पता आम जनता को जाम का सामना करना पड़ता है रेलवे क्रॉसिंग बन्द होने की वजह से लगभग तीन-तीन घंटे तक लोग जाम में फंसे रहते हैं परन्तु इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है वह तो बिना सड़क बने 15 किलोमीटर की दूरी का ही ₹130 टोल वसूल रही है कई बार समाजसेवियों द्वारा पत्रकारों द्वारा सांसद विधायक मंत्रियों को लिखा पढ़ी में दिया गया यदि हमें सुविधा नहीं मिल रही है तो हमसे 3 साल पहले से ही टोल क्यों वसूला जा रहा है परन्तु सरकार के इन नेता मंत्रियों के ऊपर अभी तक कोई जूँ तक नहीं रेंगी सरकार अपने मद मस्त में चल रही है जनता को समस्या कहां हो रही है कैसे हो रही है क्यों हो रही है सरकार को ऐसी कोई फर्क नहीं पड़ता जनता चिल्लाती है तो चिल्लाती रहे सरकार टोल वसूल रही है जनता के चिल्लाने से सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता एक कहावत कही गई है कुत्ते भोंकते रहते हैं हाथी अपने मस्त चाल में चलती रहती है शायद सरकार का भी यही नियम है बिना सुविधा दिए ही टोल टैक्स वसूला जा रहा है घंटे जाम से जूझ रही है जनता लेकिन सरकार उसके मंत्री विधायक सांसद को कोई फर्क नहीं पड़ता यदि ऐसी कोई बात नहीं थी तो इस रूट डाइवर्जन को नरहरपुर से किया जाता तो थोड़ी दूर ही लोगों को परेशानियां होती और फिर ट्रैफिक को डकाही बाईपास से सीधा किया जा सकता था दिनभर तमाम ट्रक ड्राइवर भूख प्यास से धूप में अपनी गाड़ियों को सड़क के किनारे खड़ा करके जाम खुलने की राह देख रहे थे वैसे ऐसा कुछ नया नहीं है यह जाम कुंभ के समय भी इस जनपद को झेलना पड़ा था सभी सरकारी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों पर रहती हैं धरातल पर कुछ नहीं

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