पितृ पक्ष 2025 : तिथियां, मुहूर्त और विधि

*पितृ पक्ष 2025 : तिथियां, मुहूर्त और विधि*

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*आचार्य अरविंद कुमार उपाध्याय”*

 

जौनपुर।

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और कर्ता को पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त होती है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 (रविवार) से हो रही है और इसका समापन 21 सितंबर 2025 (रविवार) को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के साथ होगा। विद्वानों के अनुसार इस वर्ष लगने वाला चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा।

 

*पितृ पक्ष 2025 की प्रमुख तिथियां*

 

7 सितंबर – पूर्णिमा श्राद्ध

 

8 सितंबर – प्रतिपदा श्राद्ध

 

9 सितंबर – द्वितीया श्राद्ध

 

10 सितंबर – तृतीया एवं चतुर्थी श्राद्ध

 

11 सितंबर – पंचमी श्राद्ध

 

12 सितंबर – षष्ठी श्राद्ध

 

13 सितंबर – सप्तमी श्राद्ध

 

14 सितंबर – अष्टमी श्राद्ध

 

15 सितंबर – नवमी श्राद्ध

 

16 सितंबर – दशमी श्राद्ध

 

17 सितंबर – एकादशी श्राद्ध

 

18 सितंबर – द्वादशी श्राद्ध

 

19 सितंबर – त्रयोदशी श्राद्ध

 

20 सितंबर – चतुर्दशी श्राद्ध

 

21 सितंबर – सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध

 

 

*🕛 श्राद्ध करने का समय*

 

धार्मिक मान्यता के अनुसार श्राद्ध या तर्पण का कार्य दोपहर 12 बजे के बाद करना श्रेष्ठ होता है। कुतुप मुहूर्त, रौहिण मुहूर्त और अपराह्न काल को सबसे शुभ समय माना गया है।

 

*🔱 तर्पण विधि*

 

तर्पण के लिए पीतल या स्टील की परात में जल, काले तिल और दूध मिलाएं।

 

कुशा (दूर्वा) हाथ में लेकर अंजलि बनाएं और जल अर्पित करते समय पितरों का स्मरण करें।

 

प्रत्येक पितृ के लिए कम से कम तीन बार तर्पण करें।

 

 

*🏠 घर पर श्राद्ध की प्रक्रिया*

 

सुबह स्नान कर घर की शुद्धि करें और गंगाजल का छिड़काव करें।

 

दक्षिण दिशा की ओर मुख कर तांबे के पात्र में जल, तिल और दूध अर्पित करें।

 

पितरों के लिए विशेष भोजन तैयार कर ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं।

 

भोजन से पूर्व पंचबली (गाय, कुत्ते, कौवे, देवता और चींटी) को अन्न देना अनिवार्य माना गया है।

 

अंत में ब्राह्मण को दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

 

👉 पितृ पक्ष में की गई श्रद्धा और तर्पण से न केवल पूर्वज प्रसन्न होते हैं, बल्कि परिवार पर सुख-समृद्धि की भी वर्षा होती है।

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