*सोशल ऑडिट में भृष्टाचार खूब देखने को मिला*
तीखी आवाज अशोक कुमार वर्मा *लम्भुआ सुल्तानपुर*

सोशल ऑडिट की खुली बैठक 6 ग्राम सभा में आज हुई संपन्न सबसे बड़ा भ्रष्टाचार सी आई बी बोर्ड को लेकर है इस पर प्रधानों का कहना है कि सी आई बी बोर्ड जब समूह से मांगा जाता है तो बोर्ड का पैसा तुरन्त माँगा जाता है जब समूह से इस मामले को समझ गया तो समूह ने यह बताने का प्रयास किया कि की तीन चार चार साल बाद पेमेंट होता है इसमें लापरवाह प्रधान और सचिव हम महिलाओं को जानबूझकर दौड़ते हैं और पेमेंट के लिए यह कहकर टाल देते हैं कि अभी पेमेंट नहीं हुआ है और इस मामले में प्रधानों का यह कहना है कि ना ही हमने बोर्ड लिया ना ही हमने भुगतान किया तो यह भ्रष्टाचार कहां होता है
लेकिन इस बात को सोशल ऑडिट कर रही कोऑर्डिनेटर ने बताया कि मुझे पत्रावली में कहीं भी नहीं दिखाई दिया कि पेमेंट हुआ है जबकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी ने कहा है महिला सशक्तिकरण के तहत इस तरीके से भी अब महिलाओं को सशक्त कर सकते हैं हम दीदियों की आय बढ़ा सकते हैं वह समूह को परेशान किया जाता है और ऊपर तक ठेगां दिखाने वाली बात होती है प्रधान इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं साफ-साफ यह बताना है कि जनपद के कोऑर्डिनेटर वा ब्लॉक रिसोर्स पर्सन, BSAC को विभागीय ट्रेनिंग होना आवश्यक है, जिससे सरकार का धन जो अव्यय हो रहा है वह बन्द होना चाहिए सरकार की मनसा फली भूत होना आवश्यक है सरकार गांव के विकास में अच्छा खासा धन अव्यय करती है लेकिन फिर भी गांव की वही दशा है तो जिम्मेदार कब जाएंगे और गांव की स्थितियां कब सुधरेंगी