*शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन भगवान शिव की कथा सुनकर श्रोता हुवे भाव विभोर*

*शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन भगवान शिव की कथा सुनकर श्रोता हुवे भाव विभोर*

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*माता चरण पांडे*

*संवाददाता- तीखी आवाज, 24.com मछली शहर*

बरईपार

 

स्थानीय बरईपार बाजार के चक घसीटा नाथ मंदिर पर चल रहे सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर मुकेशानंदपुरी महाराज ने आज कथा में श्रोता भक्तों को

शिवजी और माता सती से जुड़ी कथा का अमृत पान कराते हुए कहा माता सती के पिता प्रजापति दक्ष ,शिव जी को पसंद नहीं करते थे, क्योंकि शिव जी ने ब्रह्मा जी का पांच में से एक सिर काट दिया था। अपने पिता ब्रह्मा जी के साथ हुई इस घटना की वजह से दक्ष शिव जी को अपमानित करने के अलग-अलग अवसर खोजते रहते थे। दक्ष की पुत्री सती ने भगवान शिव से विवाह कर लिया था और दक्ष इस विवाह को रोक नहीं सके। विवाह के कुछ समय बाद दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया और इस यज्ञ में सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन शिव और माता सती को आमंत्रित नहीं किया।

माता सती को नारद से मालूम हुआ कि उनके पिता दक्ष यज्ञ करवा रहे हैं। सती इस यज्ञ में जाने के लिए तैयार हो गईं। शिव जी ने देवी सती को समझाया कि बिना बुलाए हमें यज्ञ जैसे आयोजन में नहीं जाना चाहिए, लेकिन शिव जी के समझाने पर भी देवी नहीं मानीं और यज्ञ में चली गईं।

 

जब सती यज्ञ स्थल पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि यज्ञ में शिव जी के अतिरिक्त सभी देवी-देवता आए हुए हैं। सती ने पिता दक्ष से शिव जी को न बुलाने का कारण पूछा तो दक्ष ने शिव जी के लिए अपमानजनक बातें कहना शुरू कर दीं।

शिव जी का अपमान सती सहन नहीं कर सकीं और उन्होंने हवन कुंड में कूदकर अपनी देह त्याग दी। जब ये बात शिव जी को मालूम हुई तो वे बहुत क्रोधित हो गए। शिव जी के क्रोध से वीरभद्र प्रकट हुए। इसके बाद शिव जी के कहने पर वीरभद्र ने यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और दक्ष का सिर काट दिया। इसके पूर्व आयोजनकर्ता अनिल कुमार गिरि तथा सुबास विश्वकर्मा ने आए हुए श्रोताओं का आभार व्यक्त किया । और महामंडलेश्वर का माल्यार्पण कर स्वागत किया । इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह मास्टर साहब,अश्वनी विश्वकर्मा ,शुभम पांडे, सुनील कुमार पांडे ,कमलेश सोनी,दीपक सोनी, दीपक सिंह, राकेश कुमार तिवारी, महेंद्र सिंह, गया राम सहित क्षेत्र के तमाम महिलाएं और पुरुषों ने अमृत मयी कथा का रसपान किया।

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