*इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला 2005 से पहले जारी विज्ञापन पर चयनित सहायक अध्यापकों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ*
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*संवाददाता तीखी आवाज इलाहाबाद*
*प्रयागराज*
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नई पेंशन योजना लागू होने के पूर्व जारी विज्ञापन पर चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन पाने का आधिकार है. कोर्ट ने सरकार की यह दलील नहीं मानी कि सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद की गई है. इसलिए उनको पुरानी पेंशन की जगह नई पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा.
आपको बताते चलें कि वर्ष 2002 में सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ. 29 नवंबर 2004 को इंटरव्यू हुआ और 24 दिसंबर 2004 को परिणाम घोषित किया गया. घोषित परिणामों के आधार पर अधिकतर अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देकर उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करा दी गई । कुछ याचियों को कॉलेज मैनेजमेंट ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं कराया. बाद में बोर्ड के हस्तक्षेप पर दूसरे कॉलेजों में ड्यूटी ज्वाइन कराई गई . याचियों की नियुक्ति एवं जॉइनिंग नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद हुई. इस कारण सरकार ने उन्हें नई पेंशन स्कीम से आच्छादित मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से इनकार कर दिया। याचीका करता के एक मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच के न्यायमूर्ति विकास की अदालत ने सरकार के फैसले को सही नहीं माना. और पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए उक्त याचिका करता के पक्ष में फैसला सुनाया।