*ग्रामीण फीडर को नगरीय क्षेत्र के फीडर से अलग करने को लेकर किसानों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन*

*ग्रामीण फीडर को नगरीय क्षेत्र के फीडर से अलग करने को लेकर किसानों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन*

 

अशोक कुमार वर्मा

*लम्भुआ सुल्तानपुर*

पूर्व की लम्बित किसानों की अनन्त समस्या और नगरीय क्षेत्र के फीडर में दर्जनों गांव के जुड़े होने तथा पूर्ब समस्याओं का निस्तारण न होने पर किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा एसडीएम ने शीघ्र समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया लम्भुआ में भारतीय किसान यूनियन हिंद संगठन के युवा जिला अध्यक्ष राजपति तिवारी के नेतृत्व में लंबित जन समस्याओं एवं ध्वस्त नगरीय विद्युत व्यवस्था को लेकर एसडीएम गामिनी सिंगला को ज्ञापन दिया गया। एसडीएम ने तत्काल जन समस्याओं के निस्तारण कराने का आश्वासन दिया श्री त्रिपाठी ने उन्हें अवगत करवाया कि पाण्डेयपुर विद्युत उपकेंद्र से नगरीय क्षेत्र के लिए विद्युत आपूर्ति हो रही है। इसके अलावा तहसील कार्यालय के लिए अलग से लाइन बनाई गई थी। उसी फीडर में दर्जनों गांव जोड़ दिए गए हैं किसान नेता का कहना था कि नगरीय क्षेत्र के फीडर में जुड़े गांवों को अलग किया जाए, क्योंकि नगरीय क्षेत्र का अलग बिल है और ग्रामीण क्षेत्र का अलग। काफी लंबी लाइन होने से आए दिन लाइन ब्रेकडाउन हो जाती है। समय से समस्या का निस्तारण न होने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी मौके पर जिला संगठन मंत्री अशोक विश्वकर्मा, जिला महासचिव रामदयाल यादव, उमेश गुप्ता, हकीमुल निशा, मोगग्न रजक, देवतादीन यादव, नंदलाल चौरसिया, जमाल अहमद, हसन अली, मीरा भारती, नंदिनी चौरसिया, गीता देवी, धर्मराज आदि किसान मौजूद थे समस्याओं का निस्तारण किस प्रकार होता है दिलचस्प बात यह है की विधायक सीताराम वर्मा द्वारा सदन में विद्युत सुधार के लिए सदन सम्मान की और मांग भी धरातल पर दिखाई दे लेकिन अधिकारियों का रवैया बहुत ही गड़बड़ है बहुत सारे ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां लोग वोल्टेज से संपूर्ण ग्रामीण परेशान है जिसके कारण विद्युत की खपत भी बढ़ रही है और बिल में भी वृद्धि हो रही है जरा सी हवा क्या चलती है अथवा हल्की सी बारिश में भी विद्युत व्यवस्था बद से बदतर हो जाती है आए दिन 33 kv की आपूर्ति ठप्प हो जाती है विभाग में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी फोन उठाने से भी परहेज करते हैं व्यवस्था कैसे सुधार सकती है यह बात खबर के माध्यम से बताया जा रहा है आखिर उप जिलाधिकारी और अधिशासी अभियंता किस प्रकार का समन्वयक स्थापित कर व्यवस्था में सुधार लाते हैं

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