*यूपी में त्रिस्तरीय चुनाव की शुगबूगाहट तेज, चुनाव से पहले होगा परिसीमन*
*1000 सेकम आबादी वाले गांव जुड़ेंगे बगल की ग्राम पंचायत में*
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*संवाद– जिला ब्यूरो अरुण जायसवाल*
उत्तरप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सुगबूगाहट होते ही तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं। चुनावों से पहले गांवों का परिसीमन किया जाएगा। शुक्रवार को इससे संबंधित जारी शासनादेश में कहा गया है कि पिछले पंचायत चुनाव के बाद तमाम ग्राम पंचायतों व राजस्व ग्रामों के शहरी क्षेत्र में शामिल होने से स्थिति बदली है।
इसके मद्देनजर शासन ने सभी जिलों से ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के आंशिक पुनर्गठन के प्रस्ताव 5 जून तक मांगे हैं। आपको बताते चलें 2021 के पंचायत चुनाव के बाद कई जिलों में नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद व नगर निगम के सूजन और सीमा विस्तार के चलते ग्राम पंचायतें और राजस्व ग्राम शहरी क्षेत्र में शामिल हो गए हैं। इससे कई ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 1000 से कम हो गई है। जारी शासनादेश में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में शामिल ग्राम पंचायतों को हटाना और बचे हुए राजस्व ग्रामों को नजदीकी ग्राम पंचायत में शामिल किया जाना जरूरी है। ग्राम पंचायतों की पूर्व में जारी अधिसूचना को संशोधित किया जाना भी आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के अनुसार किसी ग्राम सभा को नगर पंचायत में शामिल होने के बाद अगर एक ही गांव बचा है तथा वह 1 ग्राम पंचायत बनाने का मानक को पूरा नहीं करता तो उसे बगल वाली ग्राम पंचायत में जोड़ा जाएगा। आपको बताते चलें अभी तक प्रदेश में कुल 57 691 ग्राम पंचायत,826 क्षेत्र पंचायत, तथा 75 जिला पंचायत हैं। इसी के चलते नए नगर निकायों के सृजन व विस्तार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। वही ग्राम पंचायत चुनाव के कार्यकाल की अवधि 26 मई 2026 तथा क्षेत्र पंचायत का 19 जुलाई, जिला पंचायत का 11 जुलाई को पूरा हो रहा है चुनाव से पूर्व मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराया जाना भी प्रस्तावित है।