चार वर्ष बीत गए नहीं तैयार हुआ लम्भुआ का अग्निशमन केंद्र अशोक वर्मा(लम्भुआ) सुल्तानपुर

चार वर्ष बीत गए नहीं तैयार हुआ लम्भुआ का अग्निशमन केंद्र

अशोक वर्मा(लम्भुआ) सुल्तानपुर

बढ़ रहा अग्निकांड,बड़ बोले की सरकार मे कुम्भकरणीय नीद ले रहे अधिकारी

बढ़ते अग्निकांड को देखते हुए “स्पेशल युवा एंटी करप्शन टीम ” उत्तर प्रदेश ने फायर बिग्रेड की गाड़ी और अग्निशमन यँत्र की मांग लम्भुआ तहसील पर होने की बात उपजिलाधिकारी लम्भुआ बन्दना पाण्डेय से की थी जिस पर उपजिलाधिकारी प्रसाशनिक लम्भुआ ने आश्वासन देते हुए कहा की इसकी व्यवस्था जल्द करवा दी जाएगी थाना दिवस पर मौके पर पहुंची तेज तर्रार जिलाधिकारी जसजीत कौर को भी टीम ने इस भारी समस्या से अवगत कराया लेकिन कहते है की जब ऊपर से निचे तक सब भ्रस्टाचार मे लिप्त है तो जनता की कौन सुनने वाला है इसके बाद भी कई अग्नि काण्ड शेखनपुर,मदनपुर पनियर , डोमनेपुर जैसे गांव मे हुई लेकिन सरकार गरीब जनता की मदत के लिए मुँह से कहा है तो कागज पर चलेगा ही गरीबो की कुटिया जलेगी लेकिन किसी नेता,विधायक,मंत्री का कौन सा नुक्सान होने वाला है बड़े दबाव मे जब कोई अधिकारी अर्जुनपुर जैसे गांव मे पहुंचेगा तो नायब तहसीलदार लम्भुआ की तरह कुछ कम्बल दे देगा और आश्वासन देते हुए की पूरी मदत की जाएगी अपने रास्ते चल देगा अब गरीब जाने की इस दुर्घटना मे उसके खाने पिने के सामान जलने के बाद क्या खाएगा चाहे वो सरकार के द्वारा दिए गये कम्बल को ओढ़े ,खाए या बिछाए इससे कोई मतलब नहीं हा लेकिन बड़ बोले सरकार के बड़ बोले अधिकारी फर्जी रिपोर्ट भेजनें वा आश्वासन देने में कोई परहेज नहीं करते समाज सेवी संस्था के सलाहकार ने बताया की हमने उपजिलाधिकारी लम्भुआ के साथ साथ जिलाधिकारी सुल्तानपुर को भी लिखित पत्र दिया की लम्भुआ तहसील मे हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कम से कम अग्निशमन की दो गाड़ियों की व्यवस्था करवा दीजिये लेकिन जनता की आवाज इन अधिकारियो के लिए ढाक के तीन पात की तरह है।

दिलदहलाने वाली थी अर्जुनपुर की घटना

जब सभी के घर होली मे लोग खुशियाँ मना रहे थे उसी शाम लगभग 4 बजे अज्ञात कारणों से गरीब की दो कुटिया आग के हवाले हो गई एक तरफ पूरा गांव आग को बुझाने मे मदत करने लगा लेकिन कहते है आग लगने पर कुछ नहीं बचता वही हुआ उपजिलाधिकारी लगभग 6बजे लम्भुआ से निकली लेकिन स्पेशल युवा एंटी करप्शन टीम के मिडिया प्रभारी ने लगभग 7:30पर फ़ोन किया तो उनको कोई जानकारी ही ना होने पता चला नायब तहसीलदार लम्भुआ को उनके द्वारा आदेश किया गया उसके बाद कम्बल लेकर पहुंचे महोदय ने खाना पूर्ति करते हुए आश्वासन देकर चलते बने शर्म की बात तो ये है की दोनों परिवार के पास अभी तक कोई मकान नहीं था लेकिन सरकार से आज तक इनके परिवार को प्रधान द्वारा एक आवास नहीं उपलब्ध हो सका बड़ी बात तो यह है की उनके परिवार मे आजादी से आज तक राशन कार्ड नहीं बना है.

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