पांच पहर धंधा किये तीन पहर गए सोय । राम नाम भजते नहीं, तो मुक्ति कहा से होय ।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ न हि जन्मनि जेष्ठत्वम्, गुणैर्जेष्ठत्वमुच्यते । गुणाद गुणत्वमायाति , दुग्धं, […]