*जौनपुर: औषधि निरीक्षक की छापेमारी में 6 दुकानें बंद मिलीं, मुकदमे की तैयारी*
*नशे के कारोबार में सक्रिय ड्रग माफियाओं पर शासन का शिकंजा मजबूत, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी*
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*अरुण कुमार जायसवाल ( जिला ब्यूरो)*
जौनपुर। कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप की अवैध खरीद–फरोख्त कर अरबों रुपये की कमाई करने वाले नशे के सौदागरों पर शासन ने सख्त रुख अपना लिया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ के निर्देश पर जिले के औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय की टीम ने गुरुवार को शहर के आधा दर्जन बड़े मेडिकल प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। अचानक हुई इस कार्रवाई से नशे के कारोबार में शामिल गिरोहों में हड़कंप मच गया।
छापेमारी अभियान की सूचना मिलते ही कई मेडिकल स्टोर संचालक दुकानें बंद कर फरार हो गए। वहीं कुछ संचालकों ने रिकॉर्ड में की गई कथित करोड़ों की हेराफेरी से बचने के लिए अपने प्रतिष्ठान ही बंद कर दिए। इसके बावजूद औषधि निरीक्षक की टीम ने शहर की घनी आबादी, संकरी गलियों और गुप्त स्थानों पर पहुंचकर पूरे दिन गंभीरता से जांच जारी रखी।
टीम ने जिन छह प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया, उनमें शामिल हैं—
मैसर्स वीआईपी डिस्ट्रीब्यूटर मुरादगंज, नितेश मेडिकल एजेंसी ओलंदगंज, श्री श्याम मेडिको नईगंज, महादेव एंटरप्राइजेज खरका कॉलोनी, मिलन मेडिकल हॉल बलुआघाट और श्री श्याम मेडिकल एजेंसी हुसेनाबाद देहात।
जांच टीम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कई फर्म मौके पर बंद मिलीं। ऐसे प्रतिष्ठानों को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे तीन दिनों के भीतर पिछले तीन महीने में हुई क्रय–विक्रय से संबंधित समस्त अभिलेख औषधि कार्यालय में प्रस्तुत करें।
जिला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय ने बताया कि जो फर्में अभिलेख एवं प्रमाणन प्रस्तुत करने में असफल रहेंगी, उनके लाइसेंस के निलंबन या निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शासन स्तर से इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज करने की कवायद जारी है।
जांच कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि जिले में नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर अब कड़ी कानूनी शिकंजा कसना तय है।
